लोहरदगा. पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजय वर्मन ने कहा है कि पटाखा से काफी हानि होती है. उन्होंने कहा है कि छह डेसीबल से ज्यादा ध्वनि के पटाखे एवं आतिशबाजी से कार्बनमोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड जो आंख, श्वास, कान एवं शरीर के लिए काफी घातक हैं. वहीं इनके धूएं एवं ध्वनि पर्यावरण को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. गंधक, सोरा, फास्फोरस आदि रासायनिक मिश्रणों से बने बारूद काफी जहरीले एवं स्वास्थ्य के लिए काफी घातक हैं. लोगों को कम से कम आतिशबाजी करने की सलाह देते हुए श्री वर्मन ने कहा है कि इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगी.
पटाखे में होते हैं कई जहरीले तत्व
लोहरदगा. पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजय वर्मन ने कहा है कि पटाखा से काफी हानि होती है. उन्होंने कहा है कि छह डेसीबल से ज्यादा ध्वनि के पटाखे एवं आतिशबाजी से कार्बनमोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड जो आंख, श्वास, कान एवं शरीर के लिए काफी घातक हैं. वहीं इनके धूएं एवं ध्वनि पर्यावरण को बुरी […]
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