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राजनाथ ने कहा,सम्मान की कीमत पर चीन से दोस्ती नहीं

ग्रेटर नोएडा : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चीन के साथ शांति चाहता है, लेकिन सम्मान की कीमत पर नहीं. सिंह ने चीन के साथ हाल की सीमा विवाद संबंधी घटनाओं के संदर्भ में कहा, ‘‘हम लोग शांति चाहते हैं, पर सम्मान के साथ. असम्मान के साथ शांति नहीं हो सकती.’’ भारत-तिब्बत […]

ग्रेटर नोएडा : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत चीन के साथ शांति चाहता है, लेकिन सम्मान की कीमत पर नहीं. सिंह ने चीन के साथ हाल की सीमा विवाद संबंधी घटनाओं के संदर्भ में कहा, ‘‘हम लोग शांति चाहते हैं, पर सम्मान के साथ. असम्मान के साथ शांति नहीं हो सकती.’’ भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के 53 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्र म में उन्होंने कहा, एक-दूसरे का सम्मान मानव की परम उपलिब्ध है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते और सीमा मुद्दों का शांतिपूर्ण हल चाहता है. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति से आग्रहपूर्वक कहा कि यदि कोई विवाद है तो हमें वार्ता करनी चाहिए.’’
सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यो पर चीन की आपत्तियों की परवाह किये बिना सरकार ने आज 54 नयी सीमा चौकियां बनाने और अरुणाचल प्रदेश में सीमा के निकट ढांचागत निर्माण के लिए 175 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि सीमा के बारे में चीन अक्सर सवाल उठाता है और यहां तक कि अपने ही भू-क्षेत्र में सीमा के पास भारत द्वारा ढांचागत सुधार के प्रयासों पर भी आपत्ति जताता है. पाकिस्तान के संदर्भ में सिंह ने कहा कि इस पड़ोसी देश को सीमा चौकियों और नागरिक क्षेत्रों पर फायरिंग बंद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दीपावली से एक दिन पहले भी जम्मू और कश्मीर के सीमा से लगे नागरिक इलाकों पर गोलीबारी की. ऐसी घटनाओं पर उन्होंने कहा, पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम के उल्लंघन और चीन की ओर से सीमा विवाद पैदा किए जाने पर ‘‘हम आहत और क्र ोधित’’ महसूस करते हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी चौकियां अरु णाचल प्रदेश में बनायी जाएंगी, जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अभी चौकियों के बीच काफी फासला है. चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ढांचागत विकास और सीमा चौकियां बनाए जाने को लेकर की जा रही आपत्तियों को देखते हुए गृहमंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारत की इस पहल से चीन के साथ कुछ गतिरोध भी पैदा हुए और उनमें से एक चीन के राष्ट्रपति शी चिनिफंग की भारत यात्र के दौरान में देखने को मिला. सिंह ने यह भी कहा कि सरकार आइटीबीपी की उसे पूरी तरह उसकी हवाई प्रणाली उपलब्ध कराने की मांग पर भी विचार कर रही है. उन्होंने हालांकि कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति से कहा है कि यदि कोई विवाद है तो हमें वार्ता करनी चाहिए.’’ समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के समीप हवाई पट्टी बनाने और रडार लगाने संबंधी प्रश्नों का सीधा जवाब देने बचते हुए कहा, ‘‘सीमा विवाद से जुड़े सभी मुद्दों का वार्ता के जरिए समाधान किया जाएगा.’’ पाकिस्तान के संदर्भ में सिंह ने कहा कि इस पड़ोसी देश को सीमा चौकियों और नागरिक क्षेत्रों पर फायरिंग बंद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने दीपावली से एक दिन पहले भी जम्मू और कश्मीर की सीमा से लगे नागरिक इलाकों पर गोलीबारी की. ऐसी घटनाओं पर उन्होंने कहा, पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम के उल्लंघन और चीन की ओर से सीमा विवाद पैदा किए जाने पर ‘‘हम आहत और दुख’’ महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने दीपावली की पूर्व संध्या पर भी नागरिकों पर फायरिंग की और त्यौहार तक का सम्मान नहीं किया. पाकिस्तान को इससे बचना चाहिए. मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह संघर्षविराम का लगातार उल्लंघन बंद करे.
राजनाथ ने चेतावनी दी कि पाकिस्तान को यह मालूम होना चाहिए कि सीमा की निगरानी कर रहे हमारे सशस्त्र बल किसी भी दु:साहस का उपयुक्त जवाब देने में सक्षम हैं. कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के प्रयास में इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने के पाकिस्तान के हाल के कदम को अस्वीकार करते हुए सिंह ने कहा कि इस मामले से जुड़े सभी विषय द्विपक्षीय वार्ता से ही सुलझाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार भारत की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करेगी और देश के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करेगी.
बाद में संवाददाताओं से बातचीत में गृह मंत्री ने कहा कि भारत कभी संघिर्षवराम का उल्लंघन नहीं करता है और शांति में विश्वास रखता है. उन्होंने कहा कि अगर देश की जनता जाति, धर्म और संप्रदाय से उपर उठ कर आगे बढे तो कोई हमारी तरफ आंख उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता. देश की पर्वतीय सीमाओं की रक्षा के लिए आइटीबीपी की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सरकार इस बल के कर्मियों के कल्याण के लिए सभी सहायता मुहैया कराएगी.

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