दरभंगा के हर्षित सौमित्र ने महज पांच साल 11 महीने की उम्र में सबसे कम उम्र का पर्वतारोही बनने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. हर्षित ने 5 हजार 550 मीटर ऊंचाई वाले काला पत्थर और माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक चढ़ाई कर रिकॉर्ड बनाया है. उसने यह सफलता 18 अक्तूबर को हासिल की. वहां पहुंचकर उसने तिरंगा लहराया और जय हिंद का उद्घोष किया. हर्षित सौमित्र के माता-पिता दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बनने के बाद अपने बेटे का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज करवाना चाहते हैं.
रिकॉर्ड के लिए भेजे जायेंगे साक्ष्य
हर्षित का परिवार इस समय अपने पैतृक गांव जोगियार पातोर में है. राजीव ने बताया कि एवरेस्ट के बेस कैंप पर ली गयीं हर्षित की तसवीरें और फिल्माये गये वीडियो व हर्षित का जन्म प्रमाणपत्र गिनीज बुक और लिम्का बुक को भेजेंगे. उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि हर्षित का नाम दोनों रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज हो जायेगा.
सात साल के आर्यन का है रिकॉर्ड
राजीव का दावा है कि नयी दिल्ली के जीडी गोयनका स्कूल में कक्षा एक में पढ़ने वाले उनके बेटे हर्षित ने इससे पहले आर्यन बालाजी द्वारा 2012 में बनाया गया रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भारत के ही आर्यन ने तब महज सात वर्ष की उम्र में एवरेस्ट के बेस कैंप तक पहुंचने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया था.
बर्फबारी और हुदहुद से भी नहीं डिगा हर्षित
राजीव ने बताया कि भारी बर्फबारी और हुदहुद तूफान के बावजूद हर्षित ने 5,364 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस बेस कैंप तक ट्रैकिंग पूरी की. राजीव ने यह भी बताया कि हर्षित ने इसके बाद नजदीक ही स्थित 5,550 मीटर ऊंचाई वाले काला पत्थर चोटी पर भी चढ़ाई की. काला पत्थर चोटी यूरोप, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया में स्थित सबसे ऊंची चोटियों से भी ऊंचा है. राजीव ने बताया कि हर्षित को उसकी इस उपलब्धि के लिए नेपाल भारत फ्रेंडशिप सोसायटी द्वारा सम्मानित भी किया गया.