वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दीवाली के मौके पर हिंदुओं, जैन, सिख तथा बौद्ध समुदाय के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह अवसर याद दिलाता है कि अंधेरा कितना ही घना क्यों न हो , अंतत: रोशनी की ही जीत होती है.
ओबामा ने कल अपने दीवाली संदेश में कहा, ‘‘ मैं अमेरिका तथा विश्व में प्रकाश के इस उत्सव को मना रहे सभी लोगों को ‘‘हैप्पी दीवाली’’ की शुभकामना देना चाहता हूं.’’ वर्ष 2009 में ओबामा पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए थे जिन्होंने दीवाली का त्यौहार मनाया था और यह एशियन अमेरिकन एंड पेसिफिक आयलैंडर : एएपीआई : समुदाय के लोगों के लिए खुशी का अवसर था. उन्होंने कहा, ‘‘ हिंदुओं, जैनों, सिखों तथा बौद्धों के लिए दीया जलाना , यह स्मरण करने का अवसर होता है कि अंधेरा कितना ही घना क्यों न हो , रोशनी की हमेशा जीत होगी. ज्ञान , अज्ञानता को परास्त करेगा और आशा की निराशा पर जीत होगी.’’
ओबामा ने कहा, ‘‘ दीवाली यह भी याद दिलाती है कि जीत हासिल करने के लिए हम सभी को खुद को दूसरों की सेवा में समर्पित कर अपने हिस्से की भूमिका निभानी चाहिए. यदि हम एक दूसरे से अपनी प्रतिबद्धताओं को मजबूत करते हैं और एक दूसरे को उंचा उठाने के लिए काम करते हैं तो हम उस उज्ज्वल भविष्य को हासिल करने की दिशा में लगातार आगे बढते रहेंगे जिसे हम सभी पाना चाहते हैं.’’ ओबामा ने कहा कि अमेरिका एक महान और विविधता भरा राष्ट्र है जिसे उसके सभी लोग अपना योगदान देकर और मजबूत बनाते हैं.
उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें वर्ष 2009 में व्हाइट हाउस में पहले दीवाली समारोह की मेजबानी करके गर्व है. ओबामा ने कहा, ‘‘उसके बाद से , हम अमेरिकी परिवार की पहचान बनी इस समृद्ध परंपरा का सम्मान मनाते हुए इसे मना रहे हैं. मैं और मिशेल उस शानदार समय को कभी नहीं भूल सकते जब हमने मुंबई में भोजन, डांस और मित्रों की संगत में दीवाली का त्यौहार मनाया था.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ इसलिए , इस दीवाली पर एकत्र हो रहे सभी परिवारों को मैं हर्षपूर्ण उत्सव की मुबारकबाद देता हूं और साल मुबारक.’’ इस वर्ष अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ओबामा प्रशासन के वार्षिक दीवाली समारोह की मेजबानी करेंगे. यह आयोजन विदेश विभाग के ऐतिहासिक बेंजामिन फ्रैंकलिन रुम में होगा.
कैरी के साथ मंच पर अमेरिका में भारतीय राजदूत एस जयशंकर भी मौजूद रहेंगे और दोनों पारंपरिक रुप से दीवाली का दीया जलाएंगे. श्री शिव विष्णु मंदिर के एक स्थानीय हिंदू पुजारी दीया प्रज्ज्वलित करवाएंगे और कैरी को पारंपरिक शाल ओढाएंगे.