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विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने पर नीतीश ने भाजपा को घेरा

पटना : बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग और राज्य के साथ हो रही हकमारी व विकास योजनाओं में अनदेखी के खिलाफ जदयू ने सोमवार को पूरे राज्य में सभी जिला मुख्यालयों पर महाधरना दिया. पटना में जेपी गोलंबर पर आयोजित महाधरना में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की भाजपा सरकार पर […]

पटना : बिहार को विशेष राज्य के दर्जा की मांग और राज्य के साथ हो रही हकमारी व विकास योजनाओं में अनदेखी के खिलाफ जदयू ने सोमवार को पूरे राज्य में सभी जिला मुख्यालयों पर महाधरना दिया. पटना में जेपी गोलंबर पर आयोजित महाधरना में पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला.
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने बिहार की जनता से विशेष राज्य और विशेष पैकेज का वायदा किया था. पांच महीने बीत गये, अब कोई हरकत नहीं हो रही. महाधरना के जरिये केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए नीतीश ने कहा, बिहार के लोग अब बैठने वाले नहीं हैं. विशेष राज्य का अपना अधिकार लेकर रहेंगे. उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सार्वजनिक रूप से नाम भी लिया. उन्होंने दावा किया कि पूरे राज्य में एक लाख लोग धरना पर बैठे.
करीब आधे घंटे के अपने भाषण में नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में बिहार की सभाओं में विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज और विशेष अटेंशन के साथ विकास के लिए जरूरत की सभी सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. अब दिल्ली से कोई हरकत नहीं हो रही है तो भाजपा के नेता पलट रहे हैं. चुनाव में किसी दल को इससे भी ज्यादा वोट मिलता है.
क्या? लोकसभा की 40 में से 31 सीटें उनको मिलीं. सच तो यह है कि जब दिल्ली में सत्ता में आने के बाद बिहार को कुछ नहीं दिया तो अब यहां उनका क्या अधिकार बनता है. महाधरना में बड़ी संख्या में महिलाएं भी आयी थीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को ट्रेनें नहीं दी गयीं. लाखों लोग यहां से यात्र करते हैं. दीघा-सोनपुर रेल पुल बन जाना चाहिए. उसके लिए पैसा कम दिया जाता रहा.
तत्कालीन रेल मंत्री के रूप में उन्होंने इस योजना को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हाथों गांधी मैदान से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से इसका शिलान्यास किया था. गांधी सेतु की हालत खराब है. कब बैठ जाये. हम इसको लेकर चिंतित रहते हैं. भाजपा के केंद्रीय परिवहन मंत्री ने गांधी सेतु के रखरखाव का आश्वासन दिया. अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. नेशनल हाइवे होने के नाते उसकी जिम्मेवारी भारत सरकार की होती है.
बिहार में जब साझा सरकार सरकार में पथ निर्माण विभाग देख रहे थे, तो इसकी जानकारी उनको नहीं है. जब बिहार में 2005 में सरकार बनी तो पहले राज्य सरकार ने अपने पथों की मरम्मती करायी. उसके बाद नेशनल हाइ-वे का हालत खराब थी. केंद्र सरकार काम नहीं कर रही थी तो उस समय राज्य सरकार ने राशि मिलने की प्रत्याशा में अपने खजाने से एक हजार करोड़ लगा उसकी मरम्मत करायी. राज्य सरकार द्वारा नेशनल हाइवे पर खर्च किया गया एक हजार करोड़ क्यों नहीं दे रहे हैं. पथ निर्माण भाजपा के पास था तो अब वह पैसा क्यों नहीं दिलवा रही है.
जो करते हैं मोरचे पर खड़ा होक र करते
उन्होंने कहा कि वे सिद्धांत पर हैं और आगे भी चलेंगे. लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो त्याग पत्र दे दिया. पार्टी जनों के दबाव के बाद भी अपने को राजकाज से अलग कर लिया. भाजपा को परेशानी हर बात को लेकर है. चुनाव परिणाम के बाद मुझसे त्याग पत्र की मांग की. फिर कहा कि ड्रामा कर रहे हैं. इस पर भी उनकी भविष्यवाणी विफल हो गयी तो अब कहते हैं कि रिमोट कंट्रोल से सरकार चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें रिमोट में विश्वास नहीं. जो काम करते हैं मोरचे पर खड़ा होकर करते हैं. उनकी जो भी हैसियत रहेगी, बिहार के हक के लिए लड़ेंगे.
बिहार के प्रति हर प्रकार की नाइंसाफी हो रही है. राज्य के 73 फीसदी लोगों की आजीविका कृषि है. इसको लेकर राज्य में कृषि कैबिनेट का गठन किया गया. प्रधानमंत्री का वायदा कहां गया जब घोषणा की थी कि वे किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा देने के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करेंगे. अब तो केंद्र सरकार ने राज्यों पर बोनस देने पर रोक लगा दी है. बिहार सरकार ने किसानों को 250 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया था अब केंद्र सरकार मना कर दिया है. देश में यह कौन अंधा कानून है. राज्य सरकार किसानों को बोनस देती है. दवा मूल्य को देखते जाइये क्या-क्या होता है? किसानों को बोनस देने से रोकनेवालों को श्रीबाबू की जयंती मनाने का क्या अधिकार है.
इवीएम में गड़बड़ी की मिल रही जानकारी
भाजपा को मिली जीत पर चुटकी लेते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि सफलता से मस्त हो रहे हैं लोग. बौरा गये हैं. सत्ता आती-जाती रहती है. 84 में राजीव गांधी को 400 सीटें थीं वह 89 में क्या हुआ. बहुतों को अनेक बार जनादेश मिला है. भाजपा वाले काहे छमक रहे हैं. मात्र 31 फीसदी वोट पर. अब तो जगह-जगह से उनके पास इवीएम की हेरा-फेरी के बारे में पत्र आता है. उन्होंने कहा कि ये पत्र वे प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के पास भेज देते हैं. राजनीति से अलग रहनेवाले लोग पत्र भेज रहे हैं. इवीएम में हेराफेरी की शिकायत को लेकर पर वे इसे ऐसा नहीं मानते. लोकतंत्र में जिसको ज्यादा वोट मिलता है, उसकी जीत होती है.
दूरदर्शन को बना दिया पार्टी का मीडिया केंद्र
केंद्र सरकार ने दूरदर्शन को पार्टी का मीडिया बना दिया है. आरएसएस का लाइव टेलीकास्ट के बारे में पूछने पर कहते हैं कि उसका न्यूज वैल्यू है. क्या बिहार के लोग धरना पर बैठे हैं, उसका न्यूज वैल्यू नहीं है? बिहार के भेदभाव के खिलाफ लड़ाई का एलान कर दिया गया है. बिहार के सभी जिलों में धरना का आयोजन किया गया है.
एसएमएस से एक लाख लोगों के धरना पर बैठने की सूचना आ रही है. अब बिहार को बरगलाया नहीं जा सकता. चीन के राष्ट्रपति के स्वागत में जब उनको झूले पर झूलाया जा रहा थी उसी समय चीनी सेनाओं ने सीमा उल्लंघन कर रही थी. पाकिस्तान ने भारत सीमा का कई बार उल्लंघन किया, कहां गया उनका पुरुषार्थ? सच तो यह है कि अभी उनका हनीमून पीरियड चल रहा है. जापान सहित अन्य देशों के साथ समझौता कहां के लिए होगा. बुलेट ट्रेन कहां चलेगी. हकीकत तो यह है कि ट्रेनों का समय पर परिचालन नहीं हो रहा है. अब बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो रही है.
केंद्र सरकार ताबड़तोड़ समझौता कर रही है. बिहार उसमें कहां है. बिहार की उपेक्षा हो रही है. उद्योग लगेंगे तो रोजगार बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार व उसके जैसे राज्यों के लिए केंद्र कब से काम शुरू करेगी, उसको लेकर ही धरना पर बैठे हैं. यह तो अभी शुरुआत है. इसे आगे जारी रखा जायेगा. यह बिहार की अस्मिता का सवाल है, हक लड़ कर लेंगे. राज्य की जनता मन बुलंद कर ले.
जनता परिवार को एक करना है
नीतीश ने कहा, हरियाणा में सरकार बन गयी, तो मेरे ऊपर सवाल खड़ा किया जा रहा है. जनता परिवार के लोग बिखर गये हैं. जैसे दिल के टुकड़े हजार हुए कुछ इधर गिरा कुछ उधर गिरा. वे जनता परिवार के लोगों को एक कर रहे हैं. ये सब क्यों नहीं एक हो सकते. हरियाणा में नेशनल लोकदल द्वारा देवीलाल के सौ साल पर उनको बुलाया था. एकता के लिए प्रत्यनशील हैं. सफलता मिले न मिले. राजनीति नफा-नुकसान का सौदा नहीं है. सिद्धांत पर अडिग रहना चाहिए.
10 माह इंतजार करें, मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि10 माह का इंतजार कीजिए. राज्य में चुनाव होगा. चुनाव में जनता जिसे सत्ता सौंपेगी उस सरकार को केंद्र मदद करेगी. चाहे वह विशेष पैकेज हो या विशेष राज्य का दर्जा. एसके मेमोरियल हॉल में श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह में उन्होंने कहा कि आज का श्रीबाबू का संदेश है कि दिल्ली जैसी सरकार बिहार में भी हो. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में बिहार को सहयोग करने वाली सरकार है. कदम से कदम मिलाकर चलने का वक्त आ गया है. मोदी ने कहा कि जब केंद्र में अटल जी की सरकार थी तो बिहार में लालू प्रसाद की. जब बिहार में एनडीए की सरकार थी तो केंद्र में कांग्रेस की. उन्होंने कहा कि बिहार में 20 साल तक केंद्र और राज्य में विपरीत सरकार रही. विशेष राज्य के दर्जा के लिए नीतीश के धरना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वे ऐसे लोगों के साथ हो गये हैं जिसने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. बिहार में जो भी दिख रहा है उस पर श्रीबाबू का छाप है.

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