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जिनको है गौ माता की फिर्क

सड़कों पर घायल हुईं गायों का इलाज करती है सोनाटा फाउंडेशन् कोलकाता : पशु प्रेम के नाम पर काफी दिखावा व शोर होता है, लेकिन सड़कों पर भटकनेवाली गायों व कुत्तों के लिए स्वयंसेवी संस्था सोनाटा फाउंडेशन एक मसीहा के रूप में सामने आया है. सोनाटा फाउंडेशन पिछले सात-आठ वर्षो से गायों के मुफ्त इलाज […]

सड़कों पर घायल हुईं गायों का इलाज करती है सोनाटा फाउंडेशन्
कोलकाता : पशु प्रेम के नाम पर काफी दिखावा व शोर होता है, लेकिन सड़कों पर भटकनेवाली गायों व कुत्तों के लिए स्वयंसेवी संस्था सोनाटा फाउंडेशन एक मसीहा के रूप में सामने आया है. सोनाटा फाउंडेशन पिछले सात-आठ वर्षो से गायों के मुफ्त इलाज व पुनर्वास के क्षेत्र में काम कर रहा है. संस्था के सचिव प्रणय दत्ता ने बताया कि राजारहाट-न्यूटाउन इलाकों में सैकड़ों की संख्या में गाय सड़कों पर भटकती रहती हैं.
इनमें से कई अक्सर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ कर घायल हो जाती हैं, जिनका इलाज ही फिलहाल हमारी प्राथमिकता है. घायल गायों के इलाज की व्यवस्था करनेवाली सोनाटा फाउंडेशन देश की पहली (संस्था है. घायल गायों के इलाज के लिए संस्था ने एक अस्पताल भी बना रखा है. श्री दत्ता ने बताया कि विधाननगर कमिश्नरेट की सहयोगिता से सात महीने पहले हम लोगों ने एक एंबुलेंस चालू किया है. गायों के इलाज के लिए देश में शुरू की गयी यह पहली एंबुलेंस व्यवस्था है. एंबुलेंस में ही ऑपरेशन थियेटर भी लगाया है, जहां डॉक्टरों की टीम ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सीय सुविधा के साथ 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं.
श्री दत्ता ने बताया कि इलाज करने के बाद हम लोग गायों को उनके मालिकों के हवाले कर देते हैं. जिनके मालिक नहीं होते हैं, उन्हें हम लोग अपने यहां रख कर उनकी देखभाल करते हैं. सोनाटा फाउंडेशन केवल राजारहाट-न्यूटाउन इलाके में ही नहीं, बल्कि पूरे महानगर में सड़कों पर भटकनेवाली गायों व के इलाज के लिए काम कर रहा है. इसके लिए संस्था ने एक हॉटलाइन भी चालू किया है, इस नंबर 8902494241 पर फोन करते ही एंबुलेंस वहां पहुंच जाती है घायल गाय व कुत्ते को इलाज के लिए अपने साथ ले जाती है. पर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें के शोर से दिक्कत हो रही है तो वहीं कुछ लोग जानवरों के उनके अस्पताल को खटाल बता कर उन्हें तंग करने का प्रयास कर रहे हैं.
श्री राय ने बताया किकुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए यह हरकत कर रहे हैं, पर उन्हें पुलिस व प्रशासन एवं आम लोगों का साथ हासिल है, इसलिए वह जब तक संभव हो पायेगा. यह काम जारी रखेंगे. श्री राय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष राज्य से हजारों गायों की तस्करी हो रही, इसकी किसी को चिंता नहीं है, लेकिन जख्मी गायों व कुत्तों के इलाज से उन्हें दिक्कत हो रही है. ऐसे लोगों का तो भगवान ही मालिक है.
50 से अधिक पीड़ित
स्र्व मंगला कॉलोनी में अज्ञात बुखार से 50 से अधिक लोगों के पीड़ित होने की खबर है. तीन महिलाओं सहित चार को विभिन्न अस्पतालों में दाखिल कराया गया है. अन्य पीड़ितों का इलाज घर पर ही कराये जाने की खबर है. इसकी खबर पाकर डिप्टी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (2) डॉ समीर सिन्हा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम प्रभावित इलाके में पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. डॉ सिन्हा ने बताया कि अज्ञात बुखार से लोगों के पीड़ित होने की खबर गुरुवार को ही मिली है.
कई लोग बुखार से पीड़ित हैं. उन्हें डेंगू हुआ है कि नहीं, बिना ब्लड रिपोर्ट के यह कहना जल्दबाजी होगी. खून के नमूने संग्रह किये गये हैं. वहीं दूसरी ओर, वार्ड नंबर 34 के धरमुतल्ला लेन में भी कई लोगों को बुखार होने की खबर मिली है. हालांकि स्थानीय पार्षद अरुण राय चौधरी ने बताया कि अब तक किसी के डेंगू होने की पुष्टि नहीं हुई है. बावजूद इसके वह पूरी तरह चौकस हैं. निगम की ओर से ब्लीचिंग पाउडर व मच्छर मारने के लिए रसायन का छिड़काव कर रहे हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति डेंगू व मलेरिया का शिकार
नहीं हो सके. क्या है घटना स्र्व मंगला कॉलोनी बस्ती इलाका है.
स्थानीय निवासी रूपा करण ने बताया कि महालया के बाद उसे डेंगू हुआ था. इसके बाद पति व बेटा भी डेंगू से पीड़ित हो गया. दो दिनों पहले इसी कॉलोनी के सोनू सातरा व रीना दास को एवं शुक्रवार को सरस्वती सरकार व रेखा दास को हावड़ा जिला अस्पताल में भरती कराया गया है. इसके अलावा बस्ती के 10 लोगों के खून के नमूने जांच के लिए भेजे गये हैं. अज्ञात बुखार को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बनी हुई है.

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