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सफाई पर जरूरत है जागरूकता की

स्वच्छता को लक्ष्य कर प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान एक अच्छी शुरुआत है. चूंकि कहा भी गया है कि भारत का हृदय गांवों में बसता है इसलिए योजना की शुरुआत गांवों से ही होनी चाहिए. शहरों में तो योजनाएं चलती रहती हैं, कुछ पूरी होती हैं तो कई अधूरी रह जाती हैं. लेकिन गांवों में […]

स्वच्छता को लक्ष्य कर प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत अभियान एक अच्छी शुरुआत है. चूंकि कहा भी गया है कि भारत का हृदय गांवों में बसता है इसलिए योजना की शुरुआत गांवों से ही होनी चाहिए. शहरों में तो योजनाएं चलती रहती हैं, कुछ पूरी होती हैं तो कई अधूरी रह जाती हैं.

लेकिन गांवों में तो कोई भी योजना को पहुंचने में सालों लग जाते हैं. योजना को पूरी तरह प्रभाव में आने के लिए बहुत समय लग जाता है. यदि प्रधानमंत्री की तरह अपने देश का हर नागरिक सोचे तो हर घर में स्वच्छता अभियान चलेगा, तो कितना अच्छा हो! कहते हैं कि घरों की साफ-सफाई से लक्ष्मी का वास होता है इसलिए पहले अपने घर से ही सफाई अभियान की शुरुआत करनी चाहिए.

अगर देश का हर घर साफ हो तो देश खुद-ब-खुद स्वच्छ होगा. प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत हर गांव के स्कूल में शौचालय बनाने की योजना है. गांवों की लड़कियों को स्कूल में शौचालय नहीं होने के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है. कुछ तो स्कूल आने से पहले ही यह जानकर स्कूल जाने का ख्याल मन से निकाल देती हैं कि वहां शौचालय नहीं है.

इससे शिक्षा बीच में अधूरी छूट जाती है. इस तरह से गांवों की लड़कियों की शिक्षा अधूरी रहने के कारण उनका मानसिक, आर्थिक और सामाजिक विकास रुक जाता है. जरा सोचिए कि स्कूलों में शौचालय न होने से देश को कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है! कितनी होनहार बच्चियां शिक्षा से महरूम हो जाती हैं. अगर हर गांव के लोगों में जागरूकता आ जाये तो वे अपने घरों में स्वश्रम से ही शौचालय बना लें.

शौचालय बनने से आसपास के इलाकों में गंदगी नहीं फैलेगी और बीमारी भी दूर रहेगी. सरकार भी इसके लिए मदद करती है. लेकिन बस जरूरत है जागरूकता की!

मंजूलता सिंह, कोकर, रांची

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