भारतीय बच्चों पर है ज्यादा एकेडमिक प्रेशरग्लोबल वार्मिंग से निबटेंगे भारत और यूके के बच्चे, बनेगा प्रोजेक्टवेल्स की तीन शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम ने किया लोयोला का दौराफोटो हैरी संवाददाता, जमशेदपुर ये पहुंचे हैं शहर- कैथरीन पावर – जेम्स ग्रिफिथ – लाउरा ब्राउन भारत में टीचिंग मेथड अच्छा है. टीचर भी स्किल्ड हंै, लेकिन यहां टेस्ट बहुत होते हैं. बच्चों पर काफी एकेडमिक प्रेशर है. जीवन में टेस्ट जरूरी होते हैं लेकिन जितने टेस्ट भारत के स्कूलों में होते हैं, उनमें थोड़ी कमी लाने से बच्चे पढ़ाई को इन्ज्वॉय कर सकते हैं. ये बात वेल्स के ओरियल हाई स्कूल के तीन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कही. ये जमशेदपुर के लोयोला स्कूल के दौरे पर आयी हैं. इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड के तहत लोयोला स्कूल और वेल्स के ओरियल हाइ स्कूल के साथ करार हुआ है. इसी करार के तहत उक्त स्कूल की तीन शिक्षक-शिक्षिकाएं लोयोला आयीं हैं. वैल्यू आधारित पढ़ाई पर जोर वेल्स की शिक्षिकाओं की टीम ने कहा कि पढ़ाई एक मिशन और विजन के तहत होनी चाहिए. आज के दौर में सबसे ज्यादा इस बात पर बल दिया जाना चाहिए कि बच्चों में सिर्फ किताबी या फिर डिग्री हासिल करनेवाले ज्ञान न दिये जायें, बल्कि उनमें नैतिक शिक्षा का भी संचार हो. इस पर फोकस कर पढ़ाई करवाने की जरूरत है. चाहे वे भारत के बच्चे हों या फिर यूके के. एक -दूसरे की अच्छी बातों को सीखेंगे भारत और विदेशी स्कूलों के बीच ब्रिटिश काउंसिल की ओर से 2003 में एक करार किया गया था. इसके तहत करीब 1200 स्कूल एक- दूसरे स्कूल के साथ जुड़ चुके हैं. इसी के तहत इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड का आयोजन किया जाता है. जिसमें भारतीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं विदेश जाकर वहां के स्कूलों में पठन-पाठन को सीखते हैं, और उसे अपने स्कूल में लागू करते हैं. इसी तरह विदेशी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी भारतीय स्कूलों की टीचिंग मेथड से लेकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति को भी करीब से देखते हैं और उसे अपने देश में लागू करते हैं. करार का होगा विस्तार दोनों देशों के स्कूलों के बीच एक साल का करार किया गया है. इस करार को आगे भी बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. लोयोला स्कूल के प्रिंसिपल फादर सबेस्टियन ने कहा कि काउंसिल की ओर से करार की अवधि खत्म होने के बाद दोनों ही देश के स्कूल व्यक्तिगत रूप से एक दूसरे के यहां होने वाले गुड प्रैक्टिस को सीखेंगे. विदेशी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कहा – भारत के स्कूलों में टीचर रिस्पांसिबल सिटीजन को तैयार कर रहे हैं – भारतीय बच्चों की अंगरेजी अच्छी है – हमारे देश में भी पढ़ाई का प्रेशर है, लेकिन उसे एक्टिविटी बेस्ड बनाया जाता है – बच्चों को पढ़ाई में ही हेल्दी फूड से संबंधित ज्ञान दिये जाये, क्योंकि जंक फूड कर रहा है बरबाद – आप जिस किसी भी धर्म से जुड़े हों, धार्मिक शिक्षा भी है जरूरी, इससे शांति मिलती है
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भारतीय बच्चों पर है ज्यादा एकेडमिक प्रेशरग्लोबल वार्मिंग से निबटेंगे भारत और यूके के बच्चे, बनेगा प्रोजेक्टवेल्स की तीन शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम ने किया लोयोला का दौराफोटो हैरी संवाददाता, जमशेदपुर ये पहुंचे हैं शहर- कैथरीन पावर – जेम्स ग्रिफिथ – लाउरा ब्राउन भारत में टीचिंग मेथड अच्छा है. टीचर भी स्किल्ड हंै, लेकिन यहां टेस्ट […]
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