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आईसीसी की रैंकिंग में फिर पिछड़ा भारत, जानें कैसे दी जाती है बादशाहत

अभी भारत की क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के साथ सीरिज खेल रही है. इस श्रृंखला में क्रिकेट के तीनों फॉरमेट के मैच खेले जाने हैं. फिलहाल एकदिवसीय मैच खेले जा रहे हैं. चूंकि इस श्रृंखला में पांच एक दिवसीय मैच खेले जाने थे, इसलिए भारतीय क्रिकेटरों और प्रशंसकों को यह भरोसा था कि भारत एक बार […]

अभी भारत की क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के साथ सीरिज खेल रही है. इस श्रृंखला में क्रिकेट के तीनों फॉरमेट के मैच खेले जाने हैं. फिलहाल एकदिवसीय मैच खेले जा रहे हैं. चूंकि इस श्रृंखला में पांच एक दिवसीय मैच खेले जाने थे, इसलिए भारतीय क्रिकेटरों और प्रशंसकों को यह भरोसा था कि भारत एक बार फिर एकदिवसीय मैच का बादशाह बन जायेगा.

लेकिन आईसीसी द्वारा कल जारी विश्व रैंकिंग ने भारत का सपना चूर-चूर कर दिया. भारत एकदिवसीय मैचों की रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है. पहले स्थान पर 4902 अंकों के साथ ऑस्ट्रेलिया विराजमान है. उसने पाकिस्तान को 3-0 से पटखनी देकर अपनी बादशाहत बरकरार रखी है. वहीं दूसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका 4868 अंकों के साथ आसीन है, वहीं 6889 अंकों के साथ भारत तीसरे स्थान पर है.

वहीं टेस्ट मैचों की रैंकिंग में भारत का स्थान पांचवां है. पहले स्थान पर दक्षिण अफ्रीका 3353 अंकों के साथ विराजमान है. दूसरे स्थान पर ऑस्ट्रेलिया, तीसरे स्थान पर इंग्लैंड और चौथे स्थान पर श्रीलंका विराजमान है.

फटाफट क्रिकेट यानी टी-20 की रैंकिंग में भी भारत को पहला स्थान प्राप्त नहीं है. पहला स्थान श्रीलंका को प्राप्त है, जबकि दूसरे स्थान पर भारत आसीन है. तीसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका की टीम है. क्रिकेट के इतिहास में पहले सिर्फ टेस्ट मैचों के लिए रैंकिंग निर्धारित की जाती थी, लेकिन बाद में 1998 से एकदिवसीय मैचों के लिए भी रैंकिंग दी जाने लगी.

कैसे दी जाती है रैंकिंग : आईसीसी के नियमानुसार हर मैच के बाद दोनों टीमों को कुछ अंक दिये जाते हैं, जो गणित के नियमानुसार दिये जाते हैं. उस अंक को पुराने अंक के साथ जोड़ दिया जाता है और फिर उसे खेले गये मैचों से विभाजित करके अंकों का निर्धारण किया जाता है.

लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि अंक का निर्धारण बैटिंग के औसत, बॉलिंग के औसत एवं हार जीत पर भी निर्भर करता है. कहने का आशय यह है कि अगर एक टीम तीन विकेट खोकर 300 रन बनाती है और दूसरी टीम सात विकेट खोकर लक्ष्य को भेदती है, तो उसे जीत के लिए तो प्वाइंट मिलेगा, लेकिन विकेट ज्यादा खोने के कारण उसके अंक पर असर पड़ेगा.

रैंकिंग का निर्धारण विगत तीन साल के मैचों के आधार पर होता है, साथ ही नये परिणाम रैंकिंग को ज्यादा प्रभावित करते हैं. रैंकिंग देते वक्त इस बात का ध्यान भी रखा जाता है कि अगर शीर्ष की टीम को कोई निचले पायदान की टीम हरा दे, तो निचले पायदान की टीम को ज्यादा अंक दिया जाता है, जबकि शीर्ष टीम के अंक में ज्यादा कटौती करके उसे सजा दी जाती है.

रैंकिंग देते वक्त एक-एक मैच पर नजर रखी जाती है, साथ ही श्रृंखला का परिणाम भी काफी मायने रखता है. उसी आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है. रैंकिंग के निर्धारण के वक्त हर मैच में खिलाडि़यों के प्रदर्शन को आधार बनाया जाता है.

रैंकिंग के निर्धारण के वक्त हर एकदिवसीय मैच को समान रूप में देखा जाता है, हालांकि किसी टूर्नामेंट के फाइनल का निर्धारण अलग तरीके से होता है.

आयोजन स्थल रैंकिंग को किसी तरह से प्रभावित नहीं करते हैं. चाहे टीम अपनी जमीन पर खेल रही हो या विदेशी उससे रैंकिंग के निर्धारण पर कोई असर नहीं पड़ता है.

जीत का अंतर भी रैंकिंग तय करने में कोई मायने नहीं रखता है. रैंकिंग तय करते वक्त केवल यह देखा जाता है कि कोई टीम मैच जीती है या हारी है.

खेल के नये परिणाम रैंकिंग को ज्यादा प्रभावित करते हैं बशर्ते पुराने मैचों के. वर्तमान का प्रदर्शन रैंकिंग के निर्धारण में अहम भूमिका निभाता है.

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