पटना: नगर आयुक्त की अनुमति के बिना निगम कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों को हटा दिया गया है. ऐसा आयुक्त के आदेश पर हुआ. कुछ दिन पूर्व मेयर अफजल इमाम ने कार्यालय में चार स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये. कैमरे सभा कक्ष, गैलरी, सीढ़ी और दफ्तर में लगाये गये. नगर आयुक्त ने कार्यालय भ्रमण के […]
पटना: नगर आयुक्त की अनुमति के बिना निगम कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों को हटा दिया गया है. ऐसा आयुक्त के आदेश पर हुआ. कुछ दिन पूर्व मेयर अफजल इमाम ने कार्यालय में चार स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये.
कैमरे सभा कक्ष, गैलरी, सीढ़ी और दफ्तर में लगाये गये. नगर आयुक्त ने कार्यालय भ्रमण के दौरान सीसीटीवी कैमरों को देखा. उन्होंने बताया गया कि बाहरी व्यक्ति ने कैमरा लगाया है. कैमरा लगाने में महापौर के साथ प्रतिनियुक्त अनुसेवक मदद कर रहे थे.
नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने भू-संपदा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि किसी सरकारी संस्थान में निजी खर्च पर कैमरे कैसे लगाये जा सकते हैं. इसके लिए कोई कार्यालय आदेश भी जारी नहीं किया गया. नगर आयुक्त ने कहा कि सभा कक्ष में अवैध निर्माण संबंधित निगरानीवाद की सुनवाई चल रही है. कैमरों से इसकी निगरानी हो रही है. इससे स्पष्ट है कि आयुक्त पर नजर रखी जा रही है.
नगर आयुक्त के आदेश की कॉपी एसएसपी को भी भेज दी गयी है, जिसमें कहा गया है कि साइबर सेल के माध्यम से इसकी जांच हो कि सीसीटीवी के फुटेज किस-किस व्यक्ति के पास जा रहे हैं.
नगर आयुक्त जानबूझ कर ड्रामा कर रहे है. निगम कार्यालय में पूर्व में भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिसकी मॉनीटरिंग नगर आयुक्त करते है. जब नगर आयुक्त मॉनीटरिंग कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं. कार्यालय में चाय भी अपने पैसे से पीते हैं, तो सीसीटीवी कैमरा भी अपने पैसे से ही लगवाये. नगर आयुक्त कब तक निगरानीवाद के नाम पर शहर को ब्लैकमेल करते रहेंगे.
अफजल इमाम, मेयर