मुंबई: पाकिस्तान की ओर से हो रहे बार- बार संघर्षविराम उल्लंघन के मुद्दे पर शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घेरते हुए कहा है कि वो अपना ध्यान पडो़सी देशों की खुराफातो पर लगाएं उन्हें महाराष्ट्र चुनावों में उलझने की जरूरत नहीं है.
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है कि मोदी को अब पाकिस्तान की खुराफातों को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. हम सिर्फ अपनी लाशों को गिनने बैठे हैं क्या ? संपादकीय में कहा गया है कि पिछले माह ही पाकिस्तान की गोली का जवाब गोली से देने की चेतावनी केंद्र सरकार ने दी थी.
शिवसेना ने सवाल किया है कि उस चेतावनी को कब अमल में लाया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं. महाराष्ट्र के कई गांव में उनका प्रचार शुरू हो गया है.
शिवसेना का कहना है कि मोदी की जरूरत दिल्ली को है जबकि वे महाराष्ट्र में अटके हुए हैं. शिवसेना ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया. साथ ही कहा कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के पाकिस्तान और कश्मीर के बारे में दिये गये भाषण प्रेरणादायी थे. लेकिन यहां कोई सच नहीं बोलता.
भाजपा की पुरानी सहयोगी रही शिवसेना ने दावा किया कि सीमापार से होने वाली गोलीबारी और गोलाबारी के खिलाफ कडे़ कदम उठाने में सरकार के विफल रहने पर पाकिस्तान को बढ़ावा मिल रहा है.
शिवसेना ने कहा देश की रक्षा करने के लिए तथा पाकिस्तान को सबक सिखने के लिए क्या 56 इंच के सीने की जरुरत है? महाराष्ट्र की राजनीति बाद में भी की जा सकती है. लेकिन मोदीजी अब पाकिस्तान की खुराफातों को बर्दाश्त मत कीजिए.
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि पाकिस्तान लगातार भारत की ओर गोलीबारी करने की हिम्मत जुटा रहा है क्योंकि भारत सरकार की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.
शिवसेना ने कहा कि यह बेहद दयनीय है कि सीमावर्ती इलाकों में भारतीय ग्रामीणों को पाकिस्तानी रेंजरों के हमले से अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
पाकिस्तान के हमलों के कारण हमारे लोगों के जीवन को तो खतरा है ही, साथ ही उनके मकान भी नष्ट हो रहे हैं. लगातार की जाने वाली गोलीबारी के कारण सीमा से चार किलोमीटर की दूरी तक के मकान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
शिवसेना के मुखपत्र ने कहा कि हमारे नागरिक अब मौत से बचने के लिए अपने घरों से दूर भाग रहे हैं, जो रात के अंधेरे में उन्हें दबोच सकती है. यह बेहद दयनीय है कि उन्हें इस तरह से अपने घर छोड़ने पड रहे हैं.
बीते एक अक्तूबर से पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए की जा रही गोलीबारी में अब तक सात लोग मारे गए हैं और लगभग 70 लोग घायल हो चुके हैं. इसके अलावा 16 हजार से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.