मुर्सितपिनार (तुर्की) : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एरदोगन ने चेतावनी देते हुए बताया है कि कभी भी सीरिया के सीमावर्ती शहरों पर जिहादियों का कब्जा हो सकता है. जिहादियों पर पाकिस्तानी हवाई हमलों का विशेष असर नहीं हो रहा है. निर्दोष नागरिकों को बचाने की गरज से अमेरिका भी अपने हमले तेज नहीं कर रहा है और इसका फाया जिहादी उठा रहे हैं.
तुर्की के इस चेतावनी के बाद संयुक्त राष्ट्र के दूत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोबाने शहर को जिहादियों के हाथों में जाने से रोकने की मांग की है. वाशिंगटन ने कहा है कि वह उन कुर्द नागरिकों के लिए चिंतित है जो अभी भी शहर के अंदर हैं और वहां जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ जिहादियों की नृशंस हिंसा सर्वविदित है. आईएस ने तीन सप्ताह पहले कोबाने क्षेत्र पर हमले शुरु किये थे जिसके चलते बडी संख्या में कुर्द सशस्त्र रक्षकों को पीछे हटना पडा और करीब दो लाख लोग समीपवर्ती तुर्की की ओर चले गए.
इन दो लाख लोगों में ज्यादातर कुर्द शरणार्थी हैं. बहरहाल, शहर में मौजूद एक कुर्द पत्रकार ने बताया कि हजारों नागरिकों ने अपने घर छोडने से इंकार कर दिया है. वॉशिंगटन और उसके अरब सहयोगियों ने आगे बढ रहे आईएस जिहादियों पर हमले तेज कर दिये हैं. ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया कि कुर्द रक्षक कुछ जगहों पर जिहादियों को पीछे धकेलने में सफल रहे.
लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एरदोगन ने कल चेतावनी दी कि शहर पर जिहादी कभी भी कब्जा कर सकते हैं और उग्रवादियों को परास्त करने के लिए एक जमीनी अभियान जरुरी है. तुर्की की चेतावनी के बाद सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत स्टेफन दे मिस्तूरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कोबाने शहर को जिहादियों के हाथों मे जाने से रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की अपील की. गौरतलब है कि आईएस के लडाकों ने सीरिया के बडे हिस्से पर कब्जा कर लिया है.