नयी दिल्ली : आज नोबेल पुरस्कार की निर्णायक मंडली ने भौतिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए तीन वैज्ञानिकों को चुना है. इन तीनों वैज्ञानिकों में से एक अमेरिकी हैं, जबकि दो जापानी हैं.नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिक हैं इसामू आकासाकी, हिरोशी अमानो और सूजी नाकामूरा.
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2014
इन वैज्ञानिकों में से इसामू आकासाकी और हिरोशी अमानो जापानी हैं, जबकि सूजी नाकामूरा अमेरिकी हैं. इन्हें एलईडी ब्लू लाइट फेंकने वाले डायोड के आविष्कार के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. इस आविष्कार की मदद से तेज सफेद रोशनी मिलती है और ऊर्जा की बचत भी होती है. लाल और हरी एलईडी हमारे आसपास वर्षों से हैं, लेकिन नीली एलईडी अभी तक संभव नहीं हो पायी थी.
यह ऊर्जा का नया स्रोत है और इसके कई फायदे हैं. पूरी दुनिया में बिजली की जितनी खपत होती है, उसका एक चौथाई रोशनी करने के लिए खर्च होता है. ऐसे में एलईडी का यह आविष्कार ऊर्जा बचाने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
85 वर्षीय अकासाकी मेईजो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं और नगोया यूनिवर्सिटी में भी प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं. 54 वर्षीय अमानो भी नागोया यूनिवसिर्टी में प्रोफेसर हैं जबकि 60 वर्षीय नाकामुरा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोनिया, सैंटा बारबरा में प्रोफेसर हैं.
गौरतलब है कि अबतक 21 जापानियों को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है, जिसमें से 10 लोगों को भौतिकी के क्षेत्र में ही यह पुरस्कार मिला है.
भौतिकी के क्षेत्र में 199 लोगों को मिला है नोबेल
1901 से 2014 तक कुल 199 लोगों को भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है. पुरस्कार पाने वालों में सिर्फ जॉन बरडीन ऐसे हैं, जिन्हें उनके योगदान के लिए दो बार नोबेल पुरस्कार मिला है. उन्हें 1956 और 1972 में नोबेल पुरस्कार है. इस दृष्टिकोण से अब तक कुल 198 लोगों को यह पुरस्कार मिला है. जापान के कुल दस लोगों को भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है.1930 में भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमण और 1983 में सुब्रह्मयणम चंद्रशेखर को नोबेल पुरस्कार मिला है.
दो महिलाओं को मिला है अबतक भौतिकी का नोबेल
अब तक मात्र दो महिलाओं को भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया है, जिसमें मैरी क्यूरी को 1903 में नोबेल पुरस्कार मिला था, वहीं 1963 में मारिया गोपर्ट मेयर को नोबेल दिया गया था.