गांधीजी को हमारे बीच से गये कई दशक बीत चुके हैं. उनके बाद इस देश के प्रमुख नेता आमजन को याद दिलाते रहे कि स्वच्छता भगवान की पूजा का ही एक स्वरूप है. बहरहाल, अभी दो अक्तूबर के दिन देश के वर्तमान प्रधानमंत्री ने संपूर्ण भारत का आह्वान किया कि हम सबको एक स्वच्छ भारत बनाना है. उन्होंने खुद झाड़ू हाथ में लेकर यह समझाने की कोशिश की कि स्वच्छता का हमारे और हमारे राष्ट्र के लिए क्या महत्व है.
ईमानदारी से बात की जाये, तो ऐसा लगता है कि फिर भी कुछ लोग अपनी शर्म-ओ-हया खो चुके हैं. प्रधानमंत्री की कही बातों को ये लोग उसी शाम भूल गये और गंदगी फैलाने के कार्य को उसी तरह से अंजाम दे रहे हैं, जैसे अब तक करते आये हैं. उन्हें सशक्त भारत तो चाहिए, किंतु शायद एक स्वच्छ भारत उनको रास नहीं आता. लोगों को यह समझना होगा कि बेहतर राष्ट्र बनाने में स्वच्छता का योगदान अहम है.
मृणाल किशोर, डोरंडा, रांची