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शारदीय नवरात्र सातवां दिन

कालरात्रि दुर्गा का ध्यान जिनका रूप विकराल है, जिनकी आकृति और विग्रह कृष्ण कमल सदृश्य है तथा जो भयानक अट्टहास करनेवाली हैं, वे कालरात्रि देवी दुर्गा मंगल प्रदान करें. नवरात्र व्रत एवं आद्याशक्ति श्रीदुर्गा उपासना -सात नवरात्र एवं श्रीदुर्गा उपासना में ‘नवार्ण मंत्र’ का सर्वाधिक महत्व है. शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र को दुर्गा माता […]

कालरात्रि दुर्गा का ध्यान
जिनका रूप विकराल है, जिनकी आकृति और विग्रह कृष्ण कमल सदृश्य है तथा जो भयानक अट्टहास करनेवाली हैं, वे कालरात्रि देवी दुर्गा मंगल प्रदान करें.
नवरात्र व्रत एवं आद्याशक्ति श्रीदुर्गा
उपासना -सात
नवरात्र एवं श्रीदुर्गा उपासना में ‘नवार्ण मंत्र’ का सर्वाधिक महत्व है. शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र को दुर्गा माता का शाब्दिक प्रतिरूप माना जाता है. इस मंत्र में नौ अक्षर हैं, इसलिए यह नवार्ण मांत्र कहलाता है. यह मंत्र मां दुर्गा के उपासकों का प्रधान आलंबन है. यह अलौकिक प्रभाव संपन्न मंत्र है. इसका स्वरूप है – ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे.’ मानव से त्रण करेनवाला मंत्र अत्यंत गोपनीय होता है, यह मंत्र शब्द का अर्थ ही बताता है. फिर भी साधक के लिए उसका इतना गोपनीय रखना भी उचित नहीं कि वह भी उसके अर्थ से अवगत न हो. यही कारण है कि योग दर्शन पर ‘जप’ शब्द का अर्थ करते हुए कहते हैं – ‘मंत्र के शब्दराशि के अर्थ की भावना ही उसका वास्तविक जप है.’ इसका फल भी उन्होंने आगे बताया है – ‘अर्थ भावनात्मक मंत्र-जप से इष्टदेव का साक्षात्कार होता है.’
(प्रस्तुति : डॉ एनके बेरा)

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