सीएम के पूजा करने के बाद मंदिर धुलवाने का मामला
पटना : गत 18 अगस्त को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पूजा करने के बाद मधुबनी के परमेश्वरी स्थान मंदिर को धुलवाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने जांच का जिम्मा प्रमंडलीय आयुक्त और आइजी को सौंपा है. सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जीवन में कभी भी झूठ नहीं बोलता हूं. रविवार को खान व भूतत्व मंत्री रामलषन राम रमण ने मुझसे दो बार यह बात कही थी कि मंदिर में पूजा करने के बाद मंदिर को धुलवाया गया था. अब वह अपनी बात से क्यों मुकर रहे हैं, यह मुङो पता नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी मुङो फोन किया है. फिलहाल वह दिल्ली में हैं. उन्होंने भी बताया कि जब मैं उस मंदिर से पूजा कर लौटा था, तो आधे घंटे के अंदर उस मंदिर को धुलवाया गया था. इसकी जानकारी क्षेत्र के कई लोगों (करीब 200) ने मुङो दी थी. मुख्यमंत्री ने घटना की देर से खुलासा करने पर बताया कि उस समय बिहार विधानसभा उपचुनाव था, इसलिए पार्टी के हित में मैंने कुछ नहीं कहा. इससे समाज में अंतर्कलह की बात आती और एक तरह का टकराव हो सकता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि देवेंद्र प्रसाद यादव ने मेरे बयान का समर्थन किया है और मुङो इसे उजागर करने के लिए धन्यवाद भी दिया है. सीएम ने कहा कि इससे कोई विवाद की बात नहीं है. अब तो जांच का आदेश दे दिया गया है. जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. अब बस जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
गंगाजल से हुआ था शुद्धिकरण : यादव
पटना.पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता देवेंद्र प्रसाद यादव मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मधुबनी के परमेश्वरी स्थान मंदिर में मुख्यमंत्री के पूजा करके जाने के आधा घंटा बाद ही मंदिर को धोया गया था और मूर्ति के शुद्धिकरण के लिए गंगाजल छिड़का गया था. जानकारी खान व भूतत्व मंत्री रामलषन राम रमण समेत जदयू के कई वरीय नेताओं को भी है, लेकिन कोई कुछ नहीं बोल रहा है. मुख्यमंत्री को जब मालूम हुआ, तो उन्होंने सार्वजनिक मंच से इसका खुलासा कर दिया. श्री यादव ने बताया कि जब यह घटना हुई, उस समय उपचुनाव का माहौल था. आचार संहिता लगी हुई थी.
अगर उस समय यह बात सामने आती, तो भावना भड़क सकती थी और मामला संवेदनशील हो जाता. इसलिए चुप रहा. उपचुनाव बीत गया, बात गयी सोच कर चुप रहा, लेकिन जब मुख्यमंत्री ने खुद इस बात को उठाया है, तो सही है. जदयू नेता ने कहा कि मंदिर धुलवाने और मूर्ति के शुद्धिकरण का काम सत्ता के इर्द-गिर्द रहनेवाले लोगों की शह पर ही हुआ था. जहां तक पुजारी के बयान का सवाल है, तो उनका बयान विवादास्पद है. कभी कहते हैं कि भीड़ के कारण उस दिन शाम को मंदिर नहीं धुलवाया गया, कभी कहते हैं कि रोज सुबह-शाम मंदिर धुलवाया जाता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से पटना लौटने के बाद मैं मुख्यमंत्री से मिलूंगा.