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अमेरिकी मीडिया में खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी आज जब भारत के सबसे लोकप्रिय नेता बन गये हैं, तब भी 2002 का गुजरात दंगे का अतीत उनके पीछे खड़ा है. उनकी लोकप्रियता, भ्रष्टाचार के खिलाफ व विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता तो अमेरिका के उनके दौरे के दौरान मीडिया की सुर्खियां बन ही रही हैं. लेकिन गुजरात दंगे की चर्चा भी […]

नरेंद्र मोदी आज जब भारत के सबसे लोकप्रिय नेता बन गये हैं, तब भी 2002 का गुजरात दंगे का अतीत उनके पीछे खड़ा है. उनकी लोकप्रियता, भ्रष्टाचार के खिलाफ व विकास के लिए उनकी प्रतिबद्धता तो अमेरिका के उनके दौरे के दौरान मीडिया की सुर्खियां बन ही रही हैं. लेकिन गुजरात दंगे की चर्चा भी होती ही है. अमेरिकी अखबारों के लिए भी इन दिनों भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख आकर्षण बने हुए हैं. भारतीय राजनेताओं के लिए अमेरिकी मीडिया में ऐसा आकर्षण कम ही देखने को मिलता है. लेकिन अखबारों ने मोदी विरोधियों द्वारा किये जा रहे उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को भी जगह दी है.
न्यूयार्क टाइम्स
प्रमुख अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने अपने सोमवार के संस्करण में भारत में मोदी के उदय की तुलना 2008 में अमेरिका में बराक ओबामा के उदय से की है. मोदी के पीएम बनने को ऐतिहासिक व प्रेरक बताते हुए इस अखबार के संवाददाता विकास बजाज ने अपनी खबर में मोदी को सुनने के लिए न्यूयार्क के मेडिसन स्क्वायर में लोगों के उमड़ी बेतहाशा व बिना सीटों का आरक्षण कराये भीड़ को ही शीर्षक बनाया है.
अखबार ने लिखा है कि मई में मोदी की पार्टी भाजपा की जीत के बाद भारतीय समुदाय के न्यूयार्क, न्यू जर्सी जैसी जगहों पर स्थित होटल, स्टोर व रेस्त्रं में मोदी की बधाई देने वाले पोस्टर लगाये गये हैं. न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा है कि मोदी अपने समर्थकों के लिए घरेलू व विदेश में सुधार करने वाले शख्स हैं और वे गरीबी को कम करने व विकास की गति को तेज करने का दम रखते हैं. अखबार ने मोदी को सुनने के लिए मेडिसन स्कॉवायर पहुंचे उनके एक समर्थक के हवाले से लिखा है कि मोदी 10 सालों में भारत को नंबर – वन पर ला देंगे. मोदी के पहले 100 दिन के कार्यकाल में भारत कई अहम बदलावों का गवाह बना.
मोदी के मेडिसन स्कॉवायर में संबोधन, उनके लिए बनाये गये रिवालविंग मंच व खचाखच भरे हॉल की चर्चा की गयी है. मोदी के संयुक्त राष्ट्र संघ के हिंदी में संबोधन का उल्लेख करते हुए अखबार ने लिखा है कि उन्होंने ऐसी भाषा चुनी जो अधिकतर भारतीय घरों में बोली जाती है. अखबार ने मोदी के भारत में जनाधार की चर्चा करते हुए लिखा है कि मध्यवर्ग, व्यापारी तबका, प्रोफेसनल का उन्हें समर्थन हासिल है.
अखबार ने मोदी विरोधियों का भी उल्लेख अपनी खबर में किया है. इसके संवाददाता ने लिखा है कि मोदी के लगभग 100 विरोधी मेडिसन स्कॉवयर के बाहर प्रदर्शन के लिए खड़े थे. वे अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे, जिस पर लिखा था कि हम अभी तक 2002 के गुजरात दंगे को नहीं भूले हैं.
वाशिंगटन पोस्ट
वाशिंगटन पोस्ट ने मोदी पर लिखी अपनी खबर में उनके द्वारा भारतीय समुदाय को घर वापसी का प्रस्ताव देने को हेडलाइन बनाया है. अखबार ने लिखा है कि भारतके नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयार्क के प्रसिद्ध मेडिसन स्कॉवायर से भारतवंशियों के लिए देशवापसी व देश के विकास में अपना योगदान देने की अपील की है. अखबार ने मोदी को कोट करते हुए लिखा है कि अब उनके नेतृत्व में यह दक्षिण एशियाई देश कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखेगा. अखबार ने संयुक्त राष्ट्र में उनके हिंदी में संबोधन व प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से हेडफोन के माध्यम उनके भाषण सुनने व चेहरे पर आयी मुस्कराहट का भी उल्लेख किया है. मोदी के भाषण व स्वागत को लेकर उत्साहित भारतीय समुदाय, उनके द्वारा मोदी-मोदी के नारे लगाने का भी उल्लेख किया गया है. सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से व्हाइट हाउस में प्रस्तावित उनके मुलाकात के महत्व का उल्लेख करते हुए लिखा है कि इन दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक से दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच तनावपूर्ण संबंधों में सुधार आयेगा. अखबार ने लिखा है कि 2005 में वाशिंगटन के द्वारा इस नेता को वीजा देने से इनकार किये जाने के बाद उसकी रणनीति में अहम बदलाव आया है. इस अखबार ने भी मोदी के स्वागत के लिए उत्साह व उमंग के अलावा उनके विरोधियों द्वारा मेडिसन स्कवॉयर के सामने विरोध-प्रदर्शन का उल्लेख किया है. अखबार ने लिखा है कि जब मोदी मंच से संबोधित कर रहे थे तो उनके विरोधी बाहर प्रदर्शन कर यह नारा लगा रहे थे कि मोदी, आप गुजरात के प्रायोजित नरसंहार को नहीं छिपा सकते हैं.
हाफिंगटन पोस्ट
अमेरिकी अखबार हाफिंग्टन पोस्ट ने लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेडिसन स्कवॉयर में उपस्थित भारतीय-अमेरिकी जनसमूह से अपने देश के विकास के लिए उनसे सहयोग मांगा. उन्होंने लोगों से खुद के नेतृत्व में देश वापस लौटने की भी अपील की. मोदी का मेडिसन स्कवॉयर में उपस्थित जनसमूह ने गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने देश से बाहर रहने वाले भारतीयों के लिए अपने देश की ब्यूरोक्रेसी को आसान बनाने की बात कही और लोगों से अपील की कि वे उनके हाथ से हाथ मिलाकर अपनी भारत मां की सेवा करने के लिए आगे आयें. अखबार के अनुसार, मोदी का मेडिसन स्कॉवायर में स्वागत बॉलीवुड स्टार की तरह किया गया. इस दौरान अमेरिकी कांग्रेस के 30 प्रतिनिधियों की उपस्थिति का भी उल्लेख इस अखबार ने किया.

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