रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आदिवासी समुदाय के लिए जमीन की खरीद-बिक्री में थाना क्षेत्र की बाध्यता समाप्त की जायेगी. इसके लिए छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन किया जायेगा.
संशोधन को विधानसभा से पारित कर उसे राज्यपाल के माध्यम से केंद्र को भेजा जायेगा. मुख्यमंत्री शनिवार को जनजातीय सलाहकार पर्षद (टीएसी) की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. नवंबर 2012 के बाद टीएसी की यह पहली बैठक थी.
कैबिनेट की बैठक में लाया जायेगा : मुख्यमंत्री ने कहा : पूरे मामले का प्रस्ताव राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पास है, जिसे कैबिनेट की बैठक में लाया जायेगा. आदिवासी समुदाय की काफी दिनों से यह मांग रही है. इस पर सरकार नियम संगत कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा : भूमि को बंधक रख कर शिक्षा ऋण और व्यवसाय के लिए कर्ज दिये जाने की व्यवस्था फिर से बहाल की जायेगी. इसके लिए भी नियमों में बदलाव किये जायेंगे. राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से आदिवासियों को शिक्षा ऋण दिये जाने की व्यवस्था पिछले कुछ वर्षो से बंद है.
जनजातीय शिक्षकों की कमी दूर होगी : मुख्यमंत्री ने कहा : राज्य में आदिवासियों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. इसके लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. सरकार जनजातीय शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है. अनुसूचित क्षेत्रों में स्थित 20 हजार स्कूलों/संस्थानों में पद सृजन और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश मानव संसाधन विभाग को दिया गया है. बैठक में सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की शर्तो में फेरबदल और समता जजमेंट को लागू करने के संबंध में कमेटी भी गठित की गयी. इन कमेटियों से 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गयी है. बैठक में मंत्री व उपाध्यक्ष चंपई सोरेन, मानव संसाधन मंत्री गीताश्री उरांव, खाद्य आपूर्ति मंत्री लोबिन हेंब्रम, विकास आयुक्त आरएस पोद्दार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संतोष सतपथी व सदस्य सचिव सुनील वर्णवाल और सभी विभागों के सचिव मौजूद थे.
सुवर्णरेखा परियोजना का सोशल एसेसमेंट करेगी समिति
मुख्यमंत्री ने सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के तहत ईचा डैम निर्माण को लेकर सोशल एसेसमेंट कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्री चंपई सोरेन, विधायक दीपक बिरुआ और गीता कोड़ा की तीन सदस्यीय समिति ईचा डैम निर्माण के सभी पहलुओं, नफा-नुकसान का जायजा लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. यदि रिपोर्ट सही नहीं रही, तो 690 करोड़ से अधिक की निविदा रद्द कर दी जायेगी. इचा डैम से विस्थापित होनेवाले आदिवासियों पर पड़नेवाले प्रभाव के लिए अध्ययन दल भी बनाया गया है.
समता जजमेंट पर 10 दिनों में रिपोर्ट
राज्य के खनन क्षेत्रों में समता जजमेंट लागू करने के लिए भी मंत्री लोबिन हेंब्रम की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी 10 दिनों में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी. कमेटी के अध्यक्ष लोबिन हेंब्रम बनाये गये हैं. इसमें विधायक बंधु तिर्की, दीपक बिरूआ और चमरा लिंडा में शामिल किये गये हैं.
मेडिकल में दाखिला के लिए कमेटी
जनजातीय समुदाय के अभ्यर्थियों का 40 प्रतिशत से कम अंक आने पर मेडिकल कॉलेजों में दाखिला नहीं होने पर मंत्री गीताश्री उरांव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी गयी. कमेटी में विधायक दीपक बिरूआ, बंधु तिर्की और प्रेमचंद मुरमू भी शामिल किये गये हैं. यह कमेटी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से मुलाकात कर झारखंड का पक्ष रखेगी.
कई मायनों में ठीक रही बैठक : बंधु तिर्की
टीएमसी विधायक बंधु तिर्की ने कहा : बैठक कई मायनों में बेहतर रही. थाने क्षेत्र की बाध्यता सीएनटी प्रभावित सभी जिलों में लागू की जायेगी. उन्होंने आदिवासियों की जमीन के कंपेंनसेसन मामले में 1971 के नियमों को समाप्त करने की मांग भी की. कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों को भी आज की बैठक में बुलाया गया था.