नयी दिल्ली: बेंगलुरू के कोर्ट ने जयललिता को आय से अधिक मामले में दोषी करार दिया है. सजा का एलान आज ही3 बजे कर दिया जायेगा. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के खिलाफ 18 वर्ष पूर्व आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है जिसपर आज सुनवाई हुई. इस मामले में कोर्ट ने जयललिता को दोषी पाया है.
क्या है पूरा मामला
भाजपा नेता डा. सुब्रमनियम स्वामी ने 14 जून 1996 को आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दायर किया था. इसमें जयललिता को चेन्नई सहित कई बड़े शहरों में होटलों का मालिक बताया था. मुकदमें में जयललिता पर 1991 से 1996 के बीच आय से कहीं अधिक संपत्ति जमा करने और अपने करीबी रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. अदालत की ओर से गठित जांच कमेटी के रिपोर्ट में भी जयललिता के पास 6.6 करोड से अधिक रुपये जमा करने पुष्टि की गयी है. 18 साल पहले जब जयललिता के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था, उस समय वे पहली बार मुख्यमंत्री बनीं थी. इस दौरान उन्होंने अपने वेतन से मात्र एक रुपये लेने का ऐलान किया था. इसके बावजूद बाहरी स्रोतों से उनपर 66 करोड़ से अधिक रुपये जमा करने के आरोप लगये गये.
मुख्यमंत्री पद से देंगी इस्तीफा?
यदि आज जयललिता को सजा सुनाई जाती है तो उनका राजनीतिक करियर खतरे में पड सकता है. उनपर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे का दबाव भी बढ़ जायेगा. अब ऐसे में देखना है कि तमिलनाडु की बागडोर किसके हाथ में जायेगी. उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले मामले में सजा पाने के बाद राजद अध्यक्ष और नेता लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक करियर पर असर पड़ा था. लालू पर 11 साल चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग गया है. अब ऐसे में देखना है कि जयललिता को सजा मिलने के बाद उनका राजनीतिक करियर किस ओर करवट लेता है.
तमिलनाडु की राजनीति पर असर
मुख्यमंत्री जे. जयललिता को सजा के एलान के बाद तमिलनाडु की राजनीति पर दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे. इसका फायदा करुणानिधि की पार्टी डीएमके उठाने की कोशिश करेगी. पिछले चुनाव में करारी हार मिलने के बाद तिलमिलाई डीएमके जयललिता की पार्टी एआइडीएमके को पूरी तरह से घेरने की कोशिश करेगी हालांकि डीएमके का दामन भी पाक साफ नहीं है. करुणानिधि की पुत्री 2 जी मामले में फंसी हुईं हैं. अब ऐसे में देखना है कि तमिलनाडु की जनता अगली बार राज्य की कमान किसको सौंपती है.