जमीन का फरजी दस्तावेज दिखा कर लोन लेने के मामले में दोषी पाये जाने के बाद टाटा स्टील ने अपने 20 कर्मचारियों को बरखास्त कर दिया है. इन कर्मचारियों को बुधवार को कंपनी की ओर से पत्र दे दिया गया और उनका गेट पास भी जब्त कर लिया गया. उनकी सेवा समाप्त कर दी गयी है. इस तरह की ठगी का कंपनी में पहला बड़ा मामला सामने आया है और अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गयी है. हालांकि इस बारे में टाटा स्टील ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
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20 टाटाकर्मी बरखास्त
जमीन का फरजी दस्तावेज दिखा कर लोन लेने के मामले में दोषी पाये जाने के बाद टाटा स्टील ने अपने 20 कर्मचारियों को बरखास्त कर दिया है. इन कर्मचारियों को बुधवार को कंपनी की ओर से पत्र दे दिया गया और उनका गेट पास भी जब्त कर लिया गया. उनकी सेवा समाप्त कर दी गयी […]
मिली जानकारी के मुताबिक, टाटा स्टील कर्मचारियों को घर बनाने या खरीदने के लिए 2 लाख 75 हजार रुपये लोन के तौर पर देती है. इसका ब्याज अधिकतम 6 फीसदी तक होता है. बाजार रेट से कम ब्याज पर घर बनाने का सपना साकार करने के लिए यह स्कीम टाटा स्टील चलाती आयी है. इसके तहत कर्मचारियों के वेतन से राशि कटती है. इसी के तहत चांडिल में एक हाउसिंग सोसाइटी बनाने की जानकारी कंपनी को दी गयी, जिसमें कुल 20 कर्मचारियों ने जमीन लेने और उसको बनाने के लिए यह लोन लिया. इसके लिए बाकायदा सीओ कार्यालय और रजिस्ट्री कार्यालय का फरजी दस्तावेज भी कंपनी को सौंपा गया. सूत्रों के मुताबिक, कंपनी को यह शिकायत मिली कि गलत तरीके से कुछ लोगों ने लोन ले लिया है. इसकी जांच की गयी. एमडी के स्तर पर जांच के आदेश दिये गये थे. विजिलेंस विभाग की ओर से पूरी जांच की गयी और रिपोर्ट सौंपी गयी, जिसमें लोन लेने वाले 20 लोगों के दस्तावेज फरजी पाये गये. जिसके बाद प्रबंधन ने यह कार्रवाई की.
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