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डीएफओ ने दे दी वनभूमि बेचने की इजाजत

ब्रजेश सिंह जमशेदपुर : जिले के मानगो स्थित वन भूमि को डीएफओ (जिला वन अधिकारी) ने बिक्री करने की इजाजत यह कहते हुए दे दी कि यह वन विभाग की भूमि नहीं है. इसके लिए उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. इस जमीन का अतिक्रमणकारियों ने बेचने की कोशिश की, लेकिन रजिस्ट्री विभाग […]

ब्रजेश सिंह
जमशेदपुर : जिले के मानगो स्थित वन भूमि को डीएफओ (जिला वन अधिकारी) ने बिक्री करने की इजाजत यह कहते हुए दे दी कि यह वन विभाग की भूमि नहीं है. इसके लिए उन्होंने अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. इस जमीन का अतिक्रमणकारियों ने बेचने की कोशिश की, लेकिन रजिस्ट्री विभाग ने रजिस्ट्री करने से इनकार करते हुए दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है.
ज्ञात हो कि उपायुक्त डॉ अमिताभ कौशल लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जिले में कहीं भी वन भूमि या सरकारी संपत्तियों को बचाया जाये, वहीं डीएफओ ने विशुद्ध रूप से वनभूमि को बेचने की अनुमति दे दी.
जानकारी के अनुसार मानगो पायल टॉकिज के सामने वन विभाग की जमीन है. यह वार्ड नंबर आठ के अधीन खेसरा संख्या 911, 912 है, जबकि खाता नंबर 1244 की जमीन वन विभाग का है. खेसरा संख्या 911 और 912 की अभियुक्ति में यह दिखाया गया है कि काली किशुन विश्वास के नाम पर दोनों जमीन पर अवैध दखल है. सव्रे रिपोर्ट के बाद तैयार हुई खतियान में इसका जिक्र किया गया है.
इसी जमीन का एनओसी धालभूम के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने जारी किया है. इसमें इस जमीन को वन भूमि नहीं बताया गया है. धालभूम के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने अपने पत्रंक 3424 के माध्यम से एनओसी दी है. यह पत्र 27 नवंबर 2008 को जारी किया गया है.
अपने पत्र में धालभूम के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने लिखा है कि मानगो अक्षेस के वार्ड नंबर 8 के पारडीह मौजा के खाना नंबर 1641 का सव्रे खाता नंबर 1244, प्लॉट नंबर 911, 912 और 913 की जांच मानगो के वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा कराया गया है. जांच के बाद मानगो वन क्षेत्र पदाधिकारी ने प्रतिवेदित किया है कि संबंधित भूमि अधिसूचित वन भूमि नहीं है.

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