केंद्रीय गृहमंत्री के आगमन को लेकर मुख्यमंत्री ने की समीक्षा बैठक
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड को केंद्र से विशेष सहयोग चाहिए. झारखंड नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. ऐसे में उग्रवाद से निबटने के लिए यहां के सारे जिलों को आइएपी (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान) के तहत शामिल किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगले छह माह की कार्य योजना तैयार कर केंद्र व राज्य सरकार के सामूहिक प्रयास से उग्रवाद से निबटा जा सकेगा. इसके लिए पुलिस आधुनिकीकरण व आधारभूत संरचना के निर्माण की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में राज्य के आला अफसरों के साथ बैठक के दौरान उक्त बातें कही. वह 23 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ होनेवाली बैठक को लेकर समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य अफसर उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलियों को सरेंडर के बाद सम्मान जनक जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए.
आमलोगों की तरह सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को भी जीवन बीमा का लाभ मिलना चाहिए. इसके लिए बीमा कंपनियों को निर्देश देने संबंधी प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास रखा जाये. उन्होंने सारंडा प्रोजेक्ट के तहत आनेवाले पंचायतों में पंचायत सचिवालय भवन का निर्माण शीघ्र कराने को कहा है. वहीं उन गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए. वहां सड़क, पेयजल, बिजली से लेकर सारी सुविधाएं मुहैया करायी जाये.