बेतला: बेतला नेशनल पार्क में लगी नो इंट्री सैलानियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. एक जुलाई से 30 सितंबर तक तीन माह के लिए नो इंट्री लगाया गया है. इस दौरान पश्चिम बंगाल, बिहार व राज्य के कई हिस्सों से सैलानी बेतला पहुंचे, लेकिन नो इंट्री के कारण निराश होकर लौट गये. घूमने के अलावे सैलानियों को रुकने व खाने की भी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
इधर, दुर्गापूजा के कारण सैलानियों का आगमन बढ़ गया है. प्रत्येक वर्ष दुर्गापूजा में बेतला में सैलानियों की संख्या सर्वाधिक होती है. 25 सितंबर से दुर्गापूजा शुरू हो रहा है. दुर्गापूजा की छुट्टी में 10 दिनों तक बेतला में बंगाली पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है. कई पर्यटकों ने बेतला के होटलों में अग्रिम बुकिंग करा ली है. पार्क से जुड़े गाइड, होटल मालिक व वाहन मालिकों का कहना है कि पूरे वर्ष में कमाने का एक अवसर दुर्गापूजा का समय होता है, लेकिन नो इंट्री के कारण इस बार उनकी कमाई पर ग्रहण लग गया है.
बेतला टूर एंड ट्रेवल्स के असलम अंसारी व साधन बाबू ने वन विभाग के पदाधिकारियों से मिल कर नो इंट्री हटाने के लिए आग्रह करने की बात कही है.
* नो इंट्री हटाने पर हो रहा है विचार : डीएफओ : पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के डीएफओ प्रेमजीत आनंद ने कहा कि 30 सितंबर को नो इंट्री की अवधि समाप्त हो रही है. इस बार 25 सितंबर से ही दुर्गापूजा शुरू है, इसलिए नो इंट्री हटाने पर विचार हो रहा है. वरीय पदाधिकारियों को इससे अवगत कराया जायेगा. उनकी अनुमति मिलने पर शीघ्र नो इंट्री हटा लिया जायेगा.