गया: अस्पतालों में आने वाले मरीज व परिजनों के लिए पीने के पानी व कुरसी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. बड़ी संख्या में रोगी अस्पतालों में आते हैं.
स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि उनके साथ पूरी संवेदना के साथ व्यवहार करें. प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कहीं. उन्होंने सिविल सजर्नों को निर्देश दिया कि पीने के पानी व कुरसी की पर्याप्त व्यवस्था करें. अस्पताल उपाधीक्षक को चाहिए की एक बार हर बिंदु का निरीक्षण अवश्य करें. निरीक्षण नहीं करने वालों का वेतन वेतन भुगतान नहीं करने का निर्देश क्षेत्रीय उपनिदेशक, स्वास्थ्य को दिया. उन्होंने कहा कि पूरी टीम मिल कर काम करे, तो लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
जिला व अनुमंडल स्तरीय अस्पतालों में प्रसव, साफ-सफाई व उपकरणों के रख-रखाव के लिए के अधिकारियों को जवाबदेह बनाये जाये. उन्होंने सिविल सजर्नों से कोई पांच अच्छे कार्य पूछे. अरवल के सिविल सजर्न ने बताया पहले पोस्टमार्टम नहीं होता था, अब होने लगा है. जहानाबाद के सिविल सजर्न ने बताया अब ओपीडी में डॉक्टर रहते हैं. पैथोलॉजिकल जांच भी होने लगा है. नवाद के सिविल सजर्न ने कहा के आइ सेंटर में बढ़िया काम हो रहा है. डब्लूएचओ के पदाधिकारी ने बताया कि देश पोलियोमुक्त हो चुका है. पर, पड़ोसी देशों में पोलियो मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है. हमें भी काफी सतर्क रहने की जरूरत है.
समीक्षा के दौरान पाया गया कि जहानाबाद नंबर एक पर बरकरार है. पर, गया तीसरे नंबर से लुढ़क कर पांचवें व अंतिम पायदान पर पहुंच गया है. औरंगाबाद चौथे स्थान से दूसरे स्थान पर और नवादा दूसरे नंबर से चौथे स्थान पर चला गया है. अरवल भी अंतिम पायदान से तीसरे पायदान पर आ गया है.
आयुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को कमियां दूर करने का निर्देश दिया. जहानाबाद नंबर एक पर बरकरार है. दूसरे नंबर पर नवादा, तीसरे नंबर पर गया, चौथे नंबर पर औरंगाबाद और पांचवें व अंतिम नंबर पर अरवल है. बैठक में क्षेत्रीय उप निदेशक, स्वास्थ्य, क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्रबंधक, क्षेत्रीय उप निदेशक, जनसंपर्क के अलावा सभी पांच जिले के सिविल सजर्न या उनके प्रतिनिधि व हॉस्पिटल मैनेजर उपस्थित थे.