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एक परिवार को मिला कई बार लाभ
इंदिरा आवास योजना का मकसद था हर व्यक्ति के सिर पर छत हो, जिनके पास मकान बनाने के पैसे नहीं है. लेकिन, इस योजना के लाभुकों का इस्तेमाल कहीं वोट बैंक के लिए किया गया, तो कहीं अपना उल्लू सीधा करने के लिए. कहीं-कहीं तो इसका इस्तेमाल लाभुकों ने साहुकारों के कर्ज से मुक्ति के […]
इंदिरा आवास योजना का मकसद था हर व्यक्ति के सिर पर छत हो, जिनके पास मकान बनाने के पैसे नहीं है. लेकिन, इस योजना के लाभुकों का इस्तेमाल कहीं वोट बैंक के लिए किया गया, तो कहीं अपना उल्लू सीधा करने के लिए. कहीं-कहीं तो इसका इस्तेमाल लाभुकों ने साहुकारों के कर्ज से मुक्ति के लिए किया. धरातल पर इस राशि का कितना सही इस्तेमाल हुआ, इसकी जांच ना तो कभी पूरी हुई और शायद होगी. जांच समितियों की रिपोर्ट और धरातल की तसवीर बिल्कुल ही अलग है. भोरे प्रखंड में 17 पंचायत हैं. सभी पंचायतों की अलग-अलग तसवीरें हैं. इंदिरा आवास में हुई गड़बड़ियां को पटल पर लाने की पहली कोशिश में पंचायत राज बगहवां मिश्र की रिपोर्ट से यह साफ-साफ दिखता है कि उस पंचायत में किस तरह इस योजना का लाभ राजनीति रोटी सेंकने के लिए किया गया.
इस पंचायत में जहां पति-पत्नी को इंदिरा आवास दिया गया, तो वहीं पिता-पुत्र, और पुत्रवधू को भी इसका लाभ मिला. कई अविवाहित लोगों ने भी इसका लाभ लिया. इस योजना में एक ही परिवार में चार-चार लोगों को इंदिरा आवास दिये. लेकिन, हकीकत में उस परिवार के पास आज भी एक ही इंदिरा आवास बना है. कई भवन वाले लोगों ने भी इसका भरपूर लाभ लिया. इसके लिए दोषी कौन है, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इतना साफ है कि इस इंदिरा आवास की राशि का दुरुपयोग बगहवां मिश्र पंचायत में खूब किया गया.
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