चीकू फल (सपोटा फल) मीठा और रसीला होने के कारण काफी पसंद किया जाता है.इसे खाने के बाद डेजर्ट के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है. लेकिन चीकू के कुछ बेहतरीन गुण इसके मिठास में और अधिक मिठास घोल देते हैं. भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कीये गये एक शोध में पता चला है कि चीकू का सेवन करने से कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है.
एक प्रारंभिक अध्ययन के अनुसार चीकू के फल में पाया जाने वाला दो तरह का फाइटोकैमिकल कैंसर कोशिकाओं पर प्रभावी है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस फल में पाया जाने वाला मेथानॉलिक(अल्कोहलिक) एक्सट्रैक्ट में कुछ सक्रीय फाइटोकैमिकल पाये जाते हैं जो ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म करने (एपोप्टोसिस) में सहायक होता है.
आईआईएससी के असेसिएट प्रोफेसर सथीश सी राघवन के अनुसार ‘हर रोज अपने आहार में एक चीकू फल खाने से शरीर में कैंसर की उत्पति और प्रगति करने वाली कोशिकाएं नष्ट होती हैं. इस शोध को साझा रूप से बंग्लोर के आईआईएस और आईबीएबी ने पूरा किया गया. यह नेचर पब्लिशिंग ग्रुप के जर्नल साईंटिफिक रिपोर्ट में अगस्त माह में छापा गया था.
इंटरनेश्नल एजेंसी फॉर रिसर्च एंड कैंसर के अनुसार भारत में हर साल 10 लाख लोग कैंसर जैसी बीमारी से पीडित होते हैं जो अगले 20 सालों में दो गुणा हो जाएगा. हर साल देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या करीब 7 लाख है.
राघवन के अनुसार ‘ हमने इसकी जांच अलग-अलग कैंसर कोशिकाओं पर जैसे ल्यूकेमिया, ब्रेस्ट,ओवेरियन और लंग कारसिनोमस पर करके देखी. जिसमें हमने पाया कि यह भिन्न-भिन्न क्षमता के साथ एपोप्टोसिस की क्रिया को तेज कर देती है.
यह शरीर में ट्यूमर के निर्माण को भी रोकता है. चूहों में इसका प्रयोग करने पर पाया गया कि वे चूहे जिसमें ट्यूमर का इलाज चीकू फल के एक्सट्रैक्ट से हुआ है उनकी उम्र उन चूहों से तीन गुणा अधिक हुई जिनके ट्यूमर का इलाज नहीं किया गया था.