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बंगला विवाद : अजित ने सरकार पर निशाना साधा
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख अजित सिंह ने आज उनके कब्जे वाले बंगले को उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के स्मारक में बदलने की उनकी मांग को खारिज करने के लिए सरकार की आलोचना की और इस मुद्दे को लेकर हो रहे विरोध के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया. सिंह ने कहा कि […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख अजित सिंह ने आज उनके कब्जे वाले बंगले को उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के स्मारक में बदलने की उनकी मांग को खारिज करने के लिए सरकार की आलोचना की और इस मुद्दे को लेकर हो रहे विरोध के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया. सिंह ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर स्मारक है. जिस बंगले में बाबू जगजीवन राम रहा करते थे उसे भी तीन से छह महीने पहले उनके स्मारक में बदल दिया गया. कांशी राम के नाम पर भी एक स्मारक बना है. इसलिए यह कहने के पीछे तर्क क्या है.
सिंह उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि उनकी मांग कैसे पूरी हो सकती है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल वर्ष 2000 में मंत्रियों के सरकारी बंगले को स्मारक में बदलने पर रोक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है. गौरतलब है कि सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह के कब्जे वाले 12 तुगलक रोड स्थित बंगले को उनके पिता चरण सिंह के स्मारक के रुप में बदलने की मांग को कल यह कहते हुए खारिज कर दिया कि केंद्रीय कैबिनेट ने वर्ष 2000 में सरकारी बंगलों को दिवंगत नेताओं के नाम पर स्मारक में बदलने पर रोक लगा दी थी.
सरकार का कहना है कि इस मामले में जो कुछ भी किया गया है वह अजित सिंह को ध्यान में रख कर नहीं बल्कि नियमों के अनुरुप किया गया है.शहरी विकास मंत्री एम वैंकैया नायडू ने कहा कि जहां तक अजित सिंह का सवाल है वह मेरे मित्र हैं. अजित सिंह इसबीच मुझसे मिले भी थे और कुछ और समय दिये जाने की मांग की थी जो उन्हें दिया गया. 80 दिन के निर्धारित समय के अलावा सभी को एक महीने का और समय (बंगला खाली करने के लिए) दिया गया. उस समय सीमा के समाप्त हो जाने के बाद सरकार के पास कोई विकल्प नहीं रह गया था.
उन्होंने कहा, इसलिए अधिकारियों ने यह किया. ऐसा खास तौर से अजित सिंह के साथ नहीं किया गया. शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 12, तुगलक रोड स्थित बंगले को स्मारक में नहीं बदला जा सकता क्योंकि केंद्रीय मंत्रिमंडल नें साल 2000 में सरकारी बंगलों को दिवंगत नेताओं के नाम पर स्मारक में बदलने पर पाबंदी लगा दी थी. हाल ही में लोकसभा चुनाव हार चुके रालोद नेता सिंह को बंगला छोडने के लिए नोटिस दिया गया था और पिछले हफ्ते उनके बंगले की बिजली काट दी गयी थी.
सिंह ने उनके बंगले का बिजली पानी काटने पर विरोध जताते हुए कहा कि उन्होंने कह दिया था कि वह 20 या 25 सितम्बर तक बंगला खाली कर देंगे फिर भी ऐसा किया गया. सिंह ने सवाल किया कि क्या शाहनवाज हुसैन या यशवंत सिन्हा (दोनों भाजपा नेता) अपने बंगले खाली कर रहे हैं. अजित सिंह ने सवाल किया कि 2004 में जब भाजपा सरकार से बाहर हो गयी थी तो उसके कई नेता मंत्रियों के लिए बने बंगलों में क्यों जमे रहे थे.
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