स्कॉटलैंड ब्रिटेन से अलग होगा या ब्रिटेन के साथ ही रहेगा. इसका फैसला अब जनता करेगी. स्कॉटलैंड के 42 लाख लोग अब इस फैसले पर मुहर लगायेंगे. स्कॉटलैंड के लोगों का ब्रिटेन से 300 साल पुराना रिश्ता अब स्कॉटलैंड के लोगों पर निर्भर करता है.
यहां लोगों की राय जानने के लिए मतदाताओं को पर्ची दी गयी है. इस पर्ची पर दोनों ऑप्शन दिया गया गया है. ब्रिटेन और स्कॉटलैंड के इतिहास पर नजर रखने वाले और इन दोनों को अच्छी तरह जानने वाले विश्लेषकों ने कहा है कि यह मतदान एतिहासिक होने वाला है. दोनों ने( स्कॉटलैंड और ब्रिटेन) मतदान की तैयारी पूरी कर ली है. इसके लिए कई मतदान केंद्र बनाये गये हैं ताकि मतदाताओं को अपना मत प्रकट करने में कोई परेशानी ना हो.
गुरुवार को मतदान शुरु होगा और रात दस बजे तक मतदान किया जा सकेगा. संभावना जतायी जा रही है कि मतदान का परिणाम जल्द ही आ जाएगा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी इस पूरी प्रक्रिया पर अपनी नजर बनाये हुए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये लोगों से अपील की है कि ब्रिटेन को स्कॉटलैंड के साथ जोड़े रखें. दोनों तरफ के नेताओं ने स्कॉटिश जनता में भरोसा जताया है लेकिन जनमत संग्रह के नतीजे को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
अगर स्कॉटलैंड ब्रिटेन से अलग होने के पक्ष में मतदान करता है तो प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को नुकसान उठाना पड़ेगा. स्कॉटलैंड के ब्रिटेन से अलग होने के विरोध में मतदान होने पर भी लेबर पार्टी के लिए समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. कुल मिलाकर, इस जनमत संग्रह के बाद ब्रिटेन की राजनीति में उथल-पुथल होने की संभावना है.