जम्मू एवं कश्मीर में आयी प्राकृतिक आपदा एक बड़ी त्रासदी है. लेकिन केंद्र के नेतृत्व में राहत और बचाव का काम परम स्तर पर जारी है, जो वाकई सराहनीय है. केंद्र सरकार ने जो मुस्तैदी दिखाई है, वह काबिल-ए-तारीफ है और इसकी सराहना सभी सियासी पार्टियां कर रही हैं.
सेना के जवान खुद भूखे-प्यासे रह कर फंसे हुए लोगों को बचा रहे हैं. अब तक कई लाख लोगों की जानें बचायी जा चुकी हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस आलाकमान को भी वहां जाकर राहत कामों का जायजा नहीं लेना चाहिए? कुछ महीनों बाद वहां विधानसभा चुनाव होने हैं, तब कांग्रेस किस मुंह से वहां वोट मांगेगी? अन्य कई पार्टियों का भी यही हाल है. केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को सीखना चाहिए. यह उनके ही हित में होगा.
अनिमेष रॉय, डोरंडा, रांची