पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि जब पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नंदकिशोर यादव व अश्विनी चौबे दवा घोटाले की सीबीआइ जांच को तैयार हैं, तो नीतीश कुमार क्यों घबरा रहे हैं? उन्होंने कहा कि मेडिकल उपकरणों, घटिया दवाओं व पुराने बैच की दवाओं की खरीद नीतीश कुमार के कार्यकाल में हुई थी. स्वास्थ्य सचिव द्वारा जांच के बारे में उन्होंने कहा कि क्या कोई नौकर मालिक के विरोध में जांच कर पायेगा? दवा घोटाला अखबारों की सुर्खियां बना है. इसके बावजूद इसकी जांच नहीं हो रही है.
कोई एजेंसी जांच नहीं कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य सचिव व प्रधान सचिव एक ही प्रकार की जांच कर रहे हैं. डायरेक्टर इन चीफ और पीएमसीएच के एनेसथिसिया विभाग के प्रमुख की जांच में भागलपुर में अरविंद साह की मौत गलत दवा के कारण बताया गया. इसके बावजूद उनके परिजनों को अब तक दस लाख का मुआवजा नहीं मिला है. सरकार ने अब तक एक भी व्यक्ति को निलंबित नहीं किया है. काली सूची की दवा कंपनियों की सूची जारी करते हुए उन्होंने कहा कि अब भी नौ कंपनियां बिहार में दवाओं की आपूर्ति कर रही हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह अभद्र व्यवहार कर रहे हैं.
हमारे दो पूर्व मंत्रियों को चोर तक कह दिया. स्वास्थ्य मंत्री से बिंदुवार जवाब मांगते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दवा घोटाले की जांच की दिशा बदलने की कोशिश कर रही है. घोटाले की रकम एक सौ करोड़ से अधिक बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पास इसका साक्ष्य है. डॉ सीपी ठाकुर द्वारा नीतीश के पक्ष में बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसे स्पष्ट कर दिया है. इससे पार्टी को कोई लेना-देना नहीं है.