।। दीपक कुमार मिश्रा ।।
भागलपुर : जिले के शाहकुंड व इससे सटे बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा है. ये लोग किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है. तीन दिन पहले असरगंज इलाके में नक्सलियों की आवाजाही ग्रामीणों ने देखी थी. 18 सितंबर को नक्सलियों ने बिहार-झारखंड बंद की भी घोषणा कर रखी है. नक्सलियों का इस क्षेत्र के अपराधियों से पहले से लिंक है. नक्सलियों के जमावड़े की सूचना पर खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है.
तीन दिन पहले जमुई और गिरिडीह जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें तीन नक्सली मारे गये थे. इस घटना के बाद पुलिस ने अपनी गतिविधि बढ़ा दी है. मुंगेर के गंगटा जंगल से पुलिस ने विस्फोटक बनाने में काम आनेवाला केमिकल बरामद किया था. खुफिया सूत्र बताते हैं कि बरसात के समय नक्सली गतिविधि शांत रहती है, लेकिन उसके बाद वे लोग सक्रिय हो जाते हैं. जमुई, मुंगेर व बांका की नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस व अर्धसैनिक बल सक्रिय हैं, इसलिए नक्सली वहां से हट गये हैं. इनके बांका जिले के अमरपुर व भागलपुर के शाहकुंड प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय होने की खबर है.
तीन दिन पहले ग्रामीणों ने असरगंज के लदौआ क्षेत्र में नक्सलियों की आवाजाही देखी थी. इस क्षेत्र से अंदर ही अंदर हवेली खड़पुर व धपरी मोड़ जाने का ग्रामीण रास्ता है. यह क्षेत्र पहले से ही नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में है. लदौआ से शाहकुंड के लिए सड़क जाती है. अमरपुर व शाहकुंड क्षेत्र पूर्व से ही नक्सलियों के प्रभाव क्षेत्र में रहा है. बांका जब भागलपुर जिला में शामिल था तो भागलपुर जिले में सबसे पहले नक्सली वारदात अमरपुर इलाके में ही हुई थी. तीन साल पहले शाहकुंड के चानन पुल के पास पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला किया था. शाहकुंड व अमरपुर से ग्रामीण रास्ता असरगंज, बेलहर, तारापुर आदि की ओर जाता है.
नक्सलियों ने 18 सितंबर को बिहार बंद की घोषणा कर रखी है. खुफिया विभाग ने अंदेशा जताया है कि नक्सली इस इलाके में बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग के अंदेशे के बाद पुलिस सक्रिय हो गयी है.