नयी दिल्ली : कांग्रेस ने आज विधानसभा उपचुनाव के नतीजे को धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए ‘अच्छा लक्षण’ करार दिया और कहा कि यह भाजपा के लिए खतरे की घंटी होनी चाहिए क्योंकि जनता ने ‘ध्रुवीकरण की नीति’ को ठुकरा दिया है. विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा को भारी झटका लगा है. कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने उत्तर प्रदेश में नतीजों को किसी पार्टी के पक्ष की बजाय भाजपा के खिलाफ फैसले के रुप में पेश करने का प्रयास किया, जहां भाजपा विधानसभा की 11 में से मात्र तीन सीट जीत पायी, जबकि आठ सीटें समाजवादी पार्टी के पक्ष में गयी है.
उनका कहना था कि जनता के साथ मोदी सरकार का हनीमून समाप्त हो गया है. उन्होंने साथ ही यह माना कि कांग्रेस हिंदी राज्यों में अपनी अपेक्षाओं के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर सकी और एक भी सीट हासिल करने में सफल नहीं हो पायी. उन्होंने याद दिलाया कि लोकसभा चुनाव में भी यहां कांग्रेस को 80 लोकसभा सीटों में से मात्र दो सीटें मिल पायी थी. अहमद ने दावा किया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के महज सौ दिन के अंदर ही सरकार विरोध के पहलू दिखने लगे. उन्होंने कहा, ‘लोगों ने भाजपा और मोदी सरकार के रवैये को पसंद नहीं किया.
प्रधानमंत्री खुद खामोश रहते हैं लेकिन भाजपा के नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों ने अपने बयानों के जरिये ध्रुवीकरण की राजनीति की. उत्तर प्रदेश की जनता ने नफरत फैलाने की भाजपा की राजनीति को नकार दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह संभवत: पहली सरकार है जिसके सत्ता में आने के 100 दिनों के अंदर ही सरकार विरोधी हवा शुरु हो गयी. भाजपा के लिए खतरे की घंटी बजने लगी है. यह धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए अच्छा लक्षण है कि जनता ने भाजपा को नकारना शुरु कर दिया. अहमद ने कहा कि गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन दोनों राज्यों में लोकसभा चुनावों में पार्टी का खाता नहीं खुला था.
उन्होंने कहा कि अब हम अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे. गौरतलब है कि चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जनसमर्थन देने वाले उत्तरप्रदेश, राजस्थान और गुजरात राज्यों में हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को बडा झटका लगा है, जहां पार्टी को अपने कब्जे वाली 23 सीटों में से 13 पर पराजय का मुंह देखना पडा. नौ राज्यों में 32 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए आज मतगणना हुई और भाजपा ने इनमें से 12 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस को 7 और सपा को 8 सीटें मिली. तेदेपा, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ और माकपा को 1-1 सीट मिली. सिक्किम की एक सीट निर्दलीय के खाते में गयी. छत्तीसगढ के अंतागढ सीट पर मतगणना 20 सितंबर को होगी और यह सीट भाजपा के पास है.
अहमद ने आंकडा पेश करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से विभिन्न राज्यों में 54 निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव हुए जिनमें से भाजपा का आंकडा 42 से घटकर 21 पर पहुंच गया. चुनाव नतीजों के जरिये लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे इस सरकार की नीतियों से सहमत नहीं हैं. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके सौ दिनों के शासन के अंदर ही लोगों ने ‘मोदी मुक्त भारत’ के लिए वोट करना शुरु कर दिया. सिंघवी ने ट्विटर पर अपनी टिप्पणियों में यह भी कहा कि चुनाव नतीजों के मद्देनजर भाजपा प्रमुख अमित शाह को पार्टी में नये पद के लिए आवेदन करना पड सकता है. उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश ने अमित शाह और योगी के ब्रांड की राजनीति को ना कह दिया है. नरेन्द्र मोदी आत्मावलोकन करें.’