रांची : जम्मू-कश्मीर में बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए झारखंड सरकार ने हाथ बढ़ाये हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 40 हजार कंबल जम्मू-कश्मीर भेजा. श्री सोरेन ने सोमवार को जिला समाहरणालय परिसर से तीन ट्रकों को हरी झंडी दिखा कर उसे रवाना किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा: जम्मू-कश्मीर में जो त्रासदी आयी है, इससे निबटने के लिए झारखंड सरकार भी अपनी भूमिका निभायेगी. जम्मू-कश्मीर की हालत देश-दुनिया को मालूम है.
इसे एक दर्दनाक हादसा कहा जा सकता है. ऐसी स्थिति में हम सभी को अपनी-अपनी भूमिका निभानी होगी. ऐसी प्राकृतिक आपदा कहीं भी हो सकती है, देश के नागरिक होने के नाते हमें एक दूसरे की मदद करनी होगी. सरकार ने पांच करोड़ रुपये भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि रात में वहां अत्यधिक ठंड पड़ रही है. इसे देखते हुए 40 हजार कंबल भेजे जा रहे हैं. श्री सोरेन ने कहा कि बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए झामुमो की ओर से भी पांच हजार कंबल दिये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से सहयोग की अपील की.
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मी मानवता के लिए एक दिन का वेतन दे. इसके साथ कंबल, खाने की सामग्री, क्षमतानुसार सहयोग करें और आपदा से जूझ रहे लोगों को राहत पहुंचाने में मदद करें. सेना के विशेष विमान गजराज (आइएल-76) से यह कंबल वहां भेजा गया. दो ट्रकों से इन कंबलों को एयरपोर्ट ले जाया गया. इस अवसर पर रांची के उपायुक्त विनय कुमार चौबे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
* बचाये गये झारखंड के 26 कामगार
झारखंड के विशेष राहत दल ने दूसरे दिन राज्य के 26 कामगारों और नागरिकों को सुरक्षित निकाला. पहले दिन 14 सितंबर को 59 लोगों को बाढ़ ग्रस्त इलाकों से निकाला गया. श्रमायुक्त मनीष रंजन के नेतृत्व में भेजे गये दल ने जम्मू-कश्मीर के बाढ़ प्रभावित इलाकों से झारखंड के लोगों को निकाला. इन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से सुरक्षित नयी दिल्ली भेजा गया.
अब तक कुल 85 लोगों को नयी दिल्ली तक पहुंचाया जा चुका है. अब नयी दिल्ली से इन लोगों को आवश्यकता के अनुरूप झारखंड भेजने की कार्रवाई की जा रही है. सोमवार को सुरक्षित निकाले गये लोगों में हजारीबाग, गोड्डा और साहेबगंज के रहनेवाले थे. साहेबगंज के सभी मजदूर हवाला चौक बादामबाड़ी श्रीनगर में फंसे थे. ये सभी मजदूर कटिहार जिले के मुख्तार नामक व्यक्ति के अधीन निर्माण कार्य के लिए वहां गये थे और चार दिनों से राहत शिविर में रह रहे थे. विशेष दल ने एक महिला सविता देवी और उनके दो बच्चों को भी बचाया.