।। विश्वत सेन ।।
(प्रभात खबर, रांची)
यह भारत है. 21वीं सदी का भारत. दुनिया की नजरों में सिर्फ एक मंडी जो सूई से लेकर हवाई जहाज तक खरीदती है. अनुसंधान होता है अमेरिका-यूरोप में, निर्माण करता है चीन, और खरीदता है भारत. दो जून की रोटी के लिए परेशान गरीब आदमी भी पाउच में शैंपू, तेल-फुलेल खरीद रहा है.
– भूपाल बाबू पार्टी दफ्तर में युवा कार्यकताओं को क्रांति फिल्म के डॉ डैंग की तरह संबोधित कर रहे थे. वे रुके नहीं- आज हमारे पास आउटसोर्सिंग और कैंपस सेलेक्शन के अलावा बचा ही क्या है? हम पूरी दुनिया को वैज्ञानिक, इंजीनियर, नर्स से लेकर झाड़ू-पोंछा लगानेवाला सप्लाई करते हैं. हर पेशे की ट्रेनिंग देने के स्कूल-कॉलेज खुले हुए हैं, तो राजनीति इसमें पीछे क्यों रहे? हमारी राजनीति का भी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है. पहले हमारे विद्यार्थी कॉलेजों-विश्वविद्यालयों में छात्र राजनीति के जरिये ट्रेनिंग लेते थे, लेकिन अब हमने भी मल्टीनेशनल कंपनियों की तरह कैंपस सेलेक्शन शुरू कर दिया है.
जो लड़का फरेबी हो, गोली-बम चलाता हो या चलवाता हो, दंगा करता हो या करवाता हो, उसे हम मोटे दैनिक पैकेज पर लेते हैं. जहां तक बात है लड़कियों की, तो उनकी हमें जरूरत नहीं. पर कोई महिला विरोधी होने का आरोप न लगा दे, इसलिए शोभा के लिए दो-चार को रख लेते हैं.
अभी भूपाल बाबू यह सब समझा ही रहे थे कि एक दबंग युवा बीच में कूदा. उसने कहा- यह सब तो ठीक है, लेकिन हमारे यहां युवा पीढ़ी से किसे सेलेक्शन करके स्टार पॉलिटिशियन के रूप में दे रहे हैं. इस सवाल पर भूपाल बाबू ने कहा- चिंता न करें. आपके ईद-गिर्द ही कोई युवा आइकॉन तैयार हो रहा है. अभी उसका नाम उजागर करने से मामला गड़बड़ा जायेगा.
पॉलिटिक्स का पिटारा ऐन चुनाव के पहले खोला जायेगा. उन्होंने अपनी बात जारी रखी- आपलोगों को उसे राजनीतिक धरातल पर लाने के लिए हाड़तोड़ कार्यक्रम करना है. और हां, इतना जान लें कि जिसे आपके साथ युवा आइकॉन के रूप में जोड़ा जायेगा, वह पूरा अगियाबैताल है. दबंग युवा सोच में पड़ गया कि इस सूबे में उससे ज्यादा अगियाबैताल कौन पैदा हो गया है. एक तरफ भाषण चल रहा था और दूसरी तरफ उसके दिमाग में सोच की घनचकरी घूम रही थी.
काफी गहन मनन किया, दिमाग को रॉकेट से भी तेज दौड़ाया, जेब में हाथ डाल कर मोबाइल निकाला और अपने गुर्गों से फुसफुसाने के अंदाज में बतियाया. मगर उनके मन में उपज रहे सवाल का जवाब नहीं मिल सका. भाषण खत्म करने के बाद जाते-जाते भूपाल बाबू उस दबंग युवा को एक पर्ची थमा गये, जिसे उन्होंने बाद में खोलने का निर्देश दिया. कुछ देर बाद जब उसने पर्ची खोली, तो उसके होश फाख्ता हो गये. उसमें सूबे के सबसे खूंखार अपराधी फत्तू का नाम लिखा था.