मुंबई : भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच सीटों को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है.दोनोंपार्टियों के बीच आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर अभी तक कोई सहमती नहीं बन पायी है. दोनों पार्टियों के बीच सीटों को लेकर बढ़ती दूरी से साफ लगता है कि महाराष्ट्र में 25 सालों से चली आ रही शिवसेना-भाजपा गंठबंधन अब टूट के कगार पर है. अगर ऐसा कुछ होता है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बहुत बड़ी घटना होगी.
इधर सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है. मुखपत्र सामना में भी उन्होंने कल साफ कर दिया था कि सीटों के बंटवारे को लेकर वह किसी भी तरह के समझौते नहीं कर सकते हैं. सामना के संपादकीय में कल कहा गया था कि महागंठबंधन के सहयोगियों को जीत का सपना देखना चाहिए. उसके लिए सभी दलों को अधिक सीटें पाने की इच्छा त्याग देनी चाहिए. यह कहना कि जब हमें बहुत सारी सीटें मिलेंगी तभी गंठबंधन में रहेंगे, सही नहीं है.
* मुख्यमंत्री पद को लेकर भी है विवाद
महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच केवल सीटों को लेकर भर विवाद नहीं है बल्कि मुख्यमंत्री पद को लेकर भी खासा विवाद है. भाजपा जहां मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी दिखा रही है वहीं शिवसेना प्रमुख इस पद को लेकर समझौता के मुड में नहीं हैं.
एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए योग्य हैं और अगर जिम्मेदारी मिलती है तो इससे भागेंगे नहीं. उन्होंने साक्षात्कार में कहा था, मैं सपने नहीं देखता, लेकिन अपनी जिम्मेदारियों से भागता भी नहीं हूं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो वह महाराष्ट्र की तस्वीर बदल कर रख देंगे. उद्धव के इस बयान के बाद महाराष्ट्र राजनीति में हलचल शुरू हो गयी है.
* 15 अक्टूबर को होना है चुनाव
गौरतलब हो कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. वहां 15 अक्टूबर को चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र के 288 सीटों पर भाजपा और शिवसेना दोनों अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. शिवसेना 150 सीटों के निचे बात करने के लिए तैयार नहीं दिखती है. वहीं मोदी लहर में सवार भाजपा भी अपने पक्ष में अधिक सिटों की दावेदारी मे लगी हुई है.