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मोदी की छो़डी गई सीट मणिनगर पर कांग्रेस की नजर

अहमदाबाद:गुजरात विधानसभा उपचुनावों को सिर्फ दो दिन बचे हैं. लोगों की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छोड़ी गई सीट मणिनगर पर है. प्रधानमत्री बनने के बाद मोदी ने इस सीट को खाली कर दिया था. सत्तारुढ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने एक लोकसभा क्षेत्र और नौ विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदाताओं को लुभाने में […]

अहमदाबाद:गुजरात विधानसभा उपचुनावों को सिर्फ दो दिन बचे हैं. लोगों की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छोड़ी गई सीट मणिनगर पर है. प्रधानमत्री बनने के बाद मोदी ने इस सीट को खाली कर दिया था.

सत्तारुढ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने एक लोकसभा क्षेत्र और नौ विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदाताओं को लुभाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी हैं. इन चुनाव क्षेत्रों में 13 सितंबर को मतदान होंगे.

मणिनगर 1990 दशक के अंतिम वर्षों से ही भाजपा का एक पारंपरिक गढ रहा है. बहरहाल, राज्य और देश की निगाह इस विधानसभा क्षेत्र पर तब गई जब मोदी ने 2002 में यहां से चुनाव लडा और जीत हासिल की. बाद में वह विकास के नारे पर 2007 और 2012 में भी यहां से जीते.

मणिनगर विधानसभा क्षेत्र अहमदाबाद पश्चिम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. अभी यहां 2.43 लाख पंजीकृत मतदाता हैं.

वर्ष 2012 में मोदी ने कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता भट को 86000 मतों के भारी अंतर से हराया था. श्वेता निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट की पत्नी हैं. तब 70 प्रतिशत मतदान हुआ था.

मणिनगर में ब्राह्मण, पटेल, मुस्लिम, ईसाई, मराठी, दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय रहते हैं. इसके कुछ इलाके विकास से सराबोर हैं तो कुछ इलाकों ने अभी विकास का मुंह नहीं देखा है.

भाजपा ने मणिनगर की इंद्रापुरी वार्ड के पार्षद सुरेश पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस के उम्मीदवार युवा वकील जतिन केल्ला हैं. दोनों पहली बार विधानसभा स्तर के चुनाव में उतरे हैं.

कांग्रेस का कहना है कि मोदी की गैर हाजिरी और मतदाताओं के बीच असंतोष से उसे फायदा मिलेगा. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा,यह निश्चित रुप से हमारे पक्ष में काम करेगा. लोग मोदी को वोट दिया करते थे क्योंकि वह मुख्यमंत्री थे.

उन्होंने विकास का हव्वा खडा किया था और वोट लिए थे. अब भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है क्योंकि इस तरह के विकास के माडल से बहुत कम लोगों को फायदा पहुंचा. कांग्रेस कानून-व्यवस्था और लगातार जल-जमाव तथा जलनिकासी जैसे जरुरी बुनियादी ढांचा की कमी के मुद्दों को उठा रही है.

दोशी ने कहा, महज तीन इंच बारिश में मणिनगर में दो फुट पानी का जलजमाव हो जाता है. यह हर मानसून में होता है. नगरनिगम में भाजपा का शासन है और लोग कह रहे हें कि उसने उनके लिए कुछ नहीं किया. लोग अब कांग्रेस में उम्मीद की किरण देख

दूसरी तरफ, अहमदाबाद नगर निगम में जलापूर्ति समिति के अध्यक्ष सुरेश पटेल ने दावा किया कि मणिनगर में जलजमाव की समस्या से निबटने के लिए पहले ही अनेक परियोजनाएं स्वीकार की जा चुकी हैं.

पटेल ने कहा, अहमदाबाद नगर निगम ने क्षेत्र में जलजमाव की समस्याओं को हल करने के लिए पहले ही चार परियोजनाएं स्वीकार कर चुका है जिसमें मिल्लतनगर में पंपिंग स्टेशन की स्थापना शामिल है. मैं लोगों में कोई असंतोष नहीं देखता. मोदी की गैर मौजूदगी के चलते मतदाताओं में जोश की कमी पर एक सवाल के जवाब में पटेल कहते हैं कि उनकी पार्टी मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है.

वह कहते हैं, चूंकि यह एक उपचुनाव है, मतदाताओं के बीच जोश की कमी पाना स्वाभाविक है. लेकिन आईके जडेजा, आरसी फालदू और पुरोषोत्तम रुपाला सरीखे हमारे पार्टी नेताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए यहां बहुत दिन गुजारे कि मतदाता ज्यादा से ज्यादा तादाद में मतदान केंद्र पहुंचे. मतगणना 16 सितंबर को होगा.

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