वाशिंगटन: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने बताया कि भारत अब आपदा प्रबंधन के मामले में महत्वपूर्ण राष्ट बन गया है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने आपदा से निपटने के लिए सभी क्रेंद्र प्रायोजित विकास कार्यक्रमों में 10 प्रतिशत राशि सुनिश्चित की है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह राशि 5.5 अरब डॉलर रखी गई है.
रिजीजू विश्व बैंक में आयोजित दूसरे विश्व पुनर्निर्माण सम्मेलन (वर्ल्ड रिकंस्ट्रक्शन कॉन्फ्रेंस) के लिए उच्च स्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने बताया, भारत अब आपदा प्रबंधन के मामले में एक महत्वपूर्ण राष्ट्र बन गया है. हमें आपदा से निपटने के लिए अब और तैयार रहना है.
कल से शुरु हुए तीन दिवसीय सम्मेलन में विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम सहित कई अन्य भी शामिल थे जिनके समक्ष अपनी बात रखते हुए रिजीजू ने भारत सरकार द्वारा आपदा-मानव निर्मित और प्राकृति आपदा, से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की संक्षिप्त जानकारी दी.
मंत्री ने बताया कि इस संबंध में केंद्र सरकार ने आपदा से निपटने, उससे उबरने और नवाचार की सभी विकास योजनाओं में 10 प्रतिशत राशि सुनिश्चित की है. वर्ष 2014-2015 के वित्तीय वर्ष में यह राशि 5.5 अरब डॉलर तय की गई है.
रिजीजू ने बताया, आने वाले वर्षों में इसमें बढोत्तरी होने की ही संभावना है क्योंकि हम आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में तथा विकास योजनाओं में और अधिक निवेश करने की सोच रहे हैं.
रिजीजू मोदी सरकार के ऐसे दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं जिन्होंने अमेरिका की यात्रा की है. उन्होंने कहा कि भारत के पास आपदा मोचन के लिए समर्थित कोष के रुप में कई वित्त पोषित प्रणालियां हैं.
मंत्री ने सम्मेलन में शामिल सभी प्रतिभागियों को जम्मू कश्मीर में आई भीषण बाढ से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की संक्षिप्त जानकारी दी. वैश्विक तौर पर प्राकृतिक आपदा के कारण विगत 30 वर्षों में करीब 4,000 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो चुका है. शक्तिशाली तूफान, सूखा और भूकंप की घटनाओं और उनकी तीव्रता में वृद्धि ही होती जा रही है.
रिजीजू ने कहा कि आपदा नियंत्रण, आपदा से उबरने और नवाचार के संबंध में सरकार ने कई कदम उठाए.