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घोटालों के सूत्रधार हैं निगम के जमादार

रांची: शहर की लचर सफाई व्यवस्था के लिए जितने जिम्मेवार नगर निगम के अधिकारी हैं, उससे कहीं अधिक जिम्मेवार नगर निगम के जमादार हैं. शहर के 55 वार्डो में साफ-सफाई पर नजर रखने के लिए जिन जमादारों को जिम्मेवारी दी गयी है. वे सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए डय़ूटी करते हैं. यह स्थिति तब है […]

रांची: शहर की लचर सफाई व्यवस्था के लिए जितने जिम्मेवार नगर निगम के अधिकारी हैं, उससे कहीं अधिक जिम्मेवार नगर निगम के जमादार हैं. शहर के 55 वार्डो में साफ-सफाई पर नजर रखने के लिए जिन जमादारों को जिम्मेवारी दी गयी है. वे सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए डय़ूटी करते हैं. यह स्थिति तब है जब इन जमादारों को सिर्फ वार्ड की सफाई कार्य देखने की जिम्मेवारी दी गयी है.

करना है कचरे की सफाई, करते हैं हाथ की सफाई: रांची नगर निगम द्वारा इन जमादारों को मोहल्ले की साफ सफाई का जिम्मा दिया गया है. परंतु ये जमादार वार्ड की सफाई में कम हाथ की सफाई में अधिक ध्यान देते हैं.

निगम द्वारा हर वार्ड की सफाई के लिए तैनात कर्मचारियों की हाजिरी बनाना व उनका भुगतान करना इन जमादारों का काम है. ये नगर निगम से एक बार में कर्मचारियों की संख्या के अनुसार वेतन उठाते हैं. यहां से ले जाकर ये वार्ड कार्यालय में वेतन का भुगतान करते हैं.

जानकारी के अनुसार जमादार अनुपस्थित कर्मचारी की हाजिरी भी रजिस्टर में बनाते हैं. ऐसे में उसके वेतन का भुगतान करने पर एक हिस्सा इन जमादारों के पॉकेट में जाता है. इसके अलावा कुछ जमादारों ने ऐसे लोगों की भी सूची बना कर रखी है जिसने कभी काम किया ही नहीं है. ऐसे लोगों की राशि का उठाव भी ये जमादार करते हैं.

कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना-घटाना जमादार का काम: रांची नगर निगम के पास वैसे तो 1940 सफाई कर्मचारियों की सूची है. परंतु उसमें से कितने कर्मचारी प्रतिदिन काम पर आ रहे हैं, इसकी निगरानी करने का कोई उपाय नगर निगम के पास नहीं है. इसी का फायदा उठा कर निगम के जमादार कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी करते हैं. शिकायत है कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने व घटाने का काम नगर निगम के बकरी बाजार स्थित स्टोर में धड़ल्ले से किया जाता है.

व्यवस्था सुधारें नहीं तो बरखास्त होंगे: सीइओ
रांची नगर निगम के सीइओ मनोज कुमार ने सोमवार देर रात को नगर निगम के जमादार व सुपरवाइजरों के साथ बैठक की. बैठक में श्री कुमार ने सुपरवाइजरों व जमादारों को कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था नरक में तब्दील हो गयी है. इसके लिए सभी को एक सप्ताह की मोहलत दी जाती है. एक सप्ताह में अगर स्थिति नहीं सुधरी तो जिस वार्ड में भी कचरा होने की सूचना मिलेगी, उस वार्ड के सुपरवाइजर व जमादार को बरखास्त किया जायेगा. अब वे किंतु परंतु नहीं सुनेंगे. अब काम दिखाने का समय आया है. इसलिए काम दिखायें अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें. अगर अखबार में भी कचरे की तसवीर छपी तो उस वार्ड के सुपरवाइजर पर कार्रवाई होगी.

खुद करूंगा निरीक्षण: सीइओ ने कहा कि एक सप्ताह का टाइम आपलोगों को दिया गया है. एक सप्ताह बाद वे खुद हर वार्ड का भ्रमण करेंगे. इस दौरान उन्हें जहां कचरा दिखेगा, उस वार्ड के सुपरवाइजर पर ऑन स्पॉट कार्रवाई की जायेगी. सीइओ ने पूछा कि क्या वजह थी कि एटूजेड कंपनी 1300 कर्मचारियों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखती थी परंतु नगर निगम के 1940 कर्मचारी भी व्यवस्था सुधार नहीं पा रहे हैं.

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