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दवा घोटाला: छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री घेरे में

पटना: दवा घोटाले में छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों से भी पूछताछ की जायेगी. इनमें शकुनी चौधरी, डॉ शकील अहमद, अब्दुल बारी सिद्दीकी, चंद्रमोहन राय, नंदकिशोर यादव व अश्विनी चौबे शामिल हैं. स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने सोमवार को कहा कि 2000 से अब तक के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के कार्यकाल में दवा खरीद की जांच […]

पटना: दवा घोटाले में छह पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों से भी पूछताछ की जायेगी. इनमें शकुनी चौधरी, डॉ शकील अहमद, अब्दुल बारी सिद्दीकी, चंद्रमोहन राय, नंदकिशोर यादव व अश्विनी चौबे शामिल हैं.

स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने सोमवार को कहा कि 2000 से अब तक के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के कार्यकाल में दवा खरीद की जांच होगी.

ये सभी लोग 2000 के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. सूत्रों की मानें, तो इसको लेकर सोमवार को विभाग में काफी देर तक चर्चा हुई और उसके बाद यह निर्णय लिया गया. इन मंत्रियों के कार्यकाल में दवा या उपकरण खरीद के मामलों की तहकीकात की जायेगी. अगर उसमें से किसी पर भी कोई मामला बनता है, तो उसकी जांच होगी और उन पर कार्रवाई की जायेगी.

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने अपने सचिवालय स्थित कक्ष में देर शाम संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजनीति के कारण पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विपक्ष आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी पूर्व मुख्यमंत्री का नाम ले रहे हैं, जबकि भाजपा नेता नंदकिशोर यादव और अश्विनी कुमार चौबे के नाम वे भूल जा रहे हैं. ये दोनों भी स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं.

हाइ प्रोफाइल बना दवा घोटाला का मामला
इस मामले में विभाग में प्रतिदिन बैठकों का सिलसिला जारी है. इसके कारण विभाग में काम करनेवाले जितने अधिकारी हैं या जिनके कार्यकाल में दवा खरीद में गड़बड़ी सामने आयी है, उनकी परेशानी बढ़ गयी है. इसमें जिस तरह से अधिकारियों के बाद मंत्रियों के नाम सामने आ रहे हैं और उनसे पूछताछ की बात हो रही है, सचिवालय में काम करनेवाले सभी अधिकारी अपने समय के मामले को देखने में जुट गये हैं. कुछ अधिकारी जो नोटिस का इंतजार कर रहे हैं, वे अपने समय के पेपर तैयार कर रहे हैं. इससे सचिवालय का काम बाधित हो रहा है.

जदयू विधायक मंजित सिंह ने अश्विनी चौबे के कार्यकाल में हुई दवा खरीद में गड़बड़ी का मुद्दा सामने लाया था, लेकिन उस पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी कुछ नहीं कहते हैं और बस घपला-घोटाले की बात करते हैं. इसलिए 2000 से जो भी स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं, उनके मंत्रित्व काल की जांच होगी. अब्दुल बारी सिद्दीकी व चंद्रमोहन राय की छवि ठीक है. लेकिन, जांच होगी, तो उनको भी उसमें शामिल किया जायेगा.
रामधनी सिंह, स्वास्थ्य मंत्री

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