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मदद करेगी ऑस्ट्रेलियाई संस्था

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ महीने पहले राइटर्स बिल्डिंग का आधुनिकीकरण करने की घोषणा की थी. बिल्डिंग के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू हो चुका है. लेकिन वास्तव में राइटर्स बिल्डिंग को किस चीज से बनाया गया था और इसकी जानकारी एकत्रित करने में राज्य सरकार को काफी परेशानी हो रही है. इसलिए […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ महीने पहले राइटर्स बिल्डिंग का आधुनिकीकरण करने की घोषणा की थी. बिल्डिंग के आधुनिकीकरण का काम भी शुरू हो चुका है. लेकिन वास्तव में राइटर्स बिल्डिंग को किस चीज से बनाया गया था और इसकी जानकारी एकत्रित करने में राज्य सरकार को काफी परेशानी हो रही है. इसलिए राज्य सरकार ने अब आधुनिकीकरण के लिए ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ‘अस हेरिटेज’ की मदद लेने का फैसला किया है. यादवपुर यूनिवर्सिटी में अस हेरिटेज का एक कार्यशाला भी बनाया गया है, जो इस संबंध में रिसर्च व समीक्षा करेगी.
गौरतलब है कि राइटर्स बिल्डिंग के आधुनिकीकरण करने में कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा. इससे पहले बिल्डिंग के पुराने ढांचे को तोड़ कर नये सिरे से तैयार किया जायेगा. राइटर्स बिल्डिंग का नवीनीकरण तीन चरण में किया जायेगा. सबसे पहले जरूरी दस्तावेजों को एकत्रित किया जायेगा, उसके बाद मिट्टी की जांच की जायेगी और सबसे अंत में नये सिरे से निर्माण कार्य किया जायेगा.
फिलहाल प्रथम चरण का कार्य शुरू हुआ है. राइटर्स बिल्डिंग की प्रत्येक दीवार, सीलिंग, पिलर, दरवाजा व फर्श का निर्माण किस सामग्री से किया गया है, इस संबंध में यादवपुर व कलकत्ता यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. उनके इस कार्य में राज्य का लोक निर्माण विभाग भी मदद कर रहा है. इस प्रक्रिया के लिए इनटैक नामक कंपनी को भी साथ लेकर दोनों विवि के विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं. अब इस योजना के साथ ऑस्ट्रेलिया की कंपनी अस हेरिटेज को भी जोड़ा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि राइटर्स बिल्डिंग को तोड़ कर फिर से बनाना एक चुनौती भरा कार्य है, इस पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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