रांची: नेश्नल शूटर तारा शाहदेव पर जबरन धर्मांतरण कराने के आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. जेल जाने से पहले रकीबुल ने कहा कि उसकी किस्मत खराब थी जो उसने शादी कर ली. लेकिन हर दिन एक समान नहीं होता है. अबतक उसने ईमानदारी से पैसे कमाए हैं और आगे भी इसी तरह कमाऊंगा.
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में रकीबुल ने स्वीकारा किया कि उसके ताल्लुक बडे-बडे लोगों से जरूर थे लेकिन उसने कभी भी इस बात का गलत फायदा नहीं उठाया. मामले के आरोपी रकीबुल ने खुलासा किया कि 2007 में वन विभाग से उसे प्लांटेशन और घेराबंदी के लिए 22 करोड रुपये का ठेका मिला था. इस प्रोजेक्ट में उसे 35 लाख रुपये का मुनाफा हुआ था.
इस मामले पर एनआइए के द्वारा जांच के लिए याचिका दर्ज करायी गई थी. मामले में हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश डी एन पटेल और न्यायाधीश पी पी भट्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया था. याचिका की सुनवाई 9 सितंबर को होनी है. मामले के सीबीआइ जांच के लिए अखंड भारत संस्था के विजय कुमार जेठी ने जनहित याचिका दायर की थी.
तारा शाहदेव प्रकरण में जांच के लिएसीबीआइभी तैयार हो गई है. गुरुवार को हुए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय, आई बी और सीबीआइ के बीच चर्चा में इस मामले को सीबीआइ जांच के उपयुक्त माना गया है .लेकिन वहां मामले को दर्ज होने में अभी कुछ वक्त लगने की संभावना है.