नयी दिल्ली : शिक्षक दिवस को गुरु उत्सव के तौर पर मनाने और उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्कूली बच्चों से संवाद करने की केंद्र सरकार की योजना विवादों में घिर गयी है. कांग्रेस और भाजपा के सहयोगियों ने सरकार की निंदा की है. हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष के कदम को अफसोसजनक बताया और साफ किया कि संवाद में विद्यार्थियों की सहभागिता स्वेच्छा से होगी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शिक्षक दिवस का नाम बदलने को पैकेजिंग कवायद कहा. तमिलनाडु में भाजपा के सहयोगी दलों पीएमके और एमडीएमके ने शिक्षक दिवस का नाम बदल गुरु उत्सव करने का विरोध किया. पीएमके ने संस्कृत थोपने की कोशिश, तो द्रमुक ने तमिल भाषा और समाज को नीचा दिखाने की साजिश करार दिया.
सरकार का फैसला विवादों में घिरने के बाद स्मृति ने दिन में दो बार मीडिया से बातचीत कर स्थिति संभालने का प्रयास किया. कहा कि शिक्षक दिवस का नाम नहीं बदला है.
* आलोचना पर बोलीं शिक्षा मंत्री : मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, अगर स्वतंत्र भारत में प्रधानमंत्री को छात्रों से संवाद की आजादी नहीं है, तो यह हास्यास्पद है. गुरु उत्सव संबंधी विवाद पर स्मृति ईरानी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी राज्यों को निबंध प्रतिस्पर्धा के बारे में इस शीर्षक के तहत ज्ञापन भेजा था. इसमें 1.3 लाख छात्र हिस्सा ले चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जो लोग इसके बारे में टिप्पणी कर रहे हैं, उन्हें या तो इसकी जानकारी नहीं है या जान-बूझ कर राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं.ह्ण गौरतलब है कि मोदी पांच सितंबर को मानेकशॉ ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस पर छात्रों को संबोधित करेंगे और 1000 चुनिंदा छात्रों से बातचीत करेंगे. इस कार्यक्रम का 18 लाख सरकारी, निजी स्कूलों में डीडी और शिक्षा चैनलों के जरिये प्रसारण किया जायेगा.