नयी दिल्ली: मोदी सरकार का जादू चारो ओर देखने को मिल रहा है. इसका ताजा उदाहरण भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पहले तिमाही में 5.7 प्रतिशत होना है. इससे पूर्व की तिमाही में यह वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत थी. पिछले ढाई साल में अर्थव्यवस्था में ऐसी वृद्धि दर्ज नहीं की गयी.अर्थशास्त्रियों के अनुसार इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोंच का नतीजा बताया जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले ढाई साल में केवल एक बार 5.2 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है. 2012 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वृद्धि दर 5.2 प्रतिशत रहा था.
खनन, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के प्रदर्शन में सुधार से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर उछलकर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच गयी. पिछले ढाई साल में यह सर्वाधिक है. इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 4.6 प्रतिशत और एक साल पहले अप्रैल-जून तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही थी. केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा आज जारी पहली तिमाही के वृद्धि आंकडों के अनुसार इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि पिछले वर्ष इस क्षेत्र में 1.2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गयी थी.
इसी प्रकार अप्रैल-जून 2014 तिमाही में खनन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत वृद्धि रही जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 3.9 प्रतिशत गिरावट रही थी. चालू वित्त वर्ष के दौरान पहली तिमाही में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत वृद्धि वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में रही. इसके बाद बिजली, गैस और जलापूर्ति क्षेत्र में 10.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई. इससे पहले वर्ष 2011-12 की जनवरी-मार्च तिमाही में 6 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर्ज की गई थी जो कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हासिल वृद्धि से अधिक थी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.