देवघर: अपनी मांगों के समर्थन में बाजला कॉलेज की छात्राओं ने धरना प्रदर्शन करने के संदर्भ में दर्ज हुए मुकदमा पर देवघर कोर्ट के अधिवक्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसमें साफ तौर पर कहा है कि केस दर्ज करना युक्ति संगत नहीं है. ज्यादातर छात्रएं जुबेनाइल ही हैं और कैरियर सन्निहित है.
छात्राओं पर जुल्म : सुनीता: अधिवक्ता सुनीता मजूमदार कहती हैं कि छात्राओं को केस में फंसाना एक साजिश की तरह प्रतीत हो रहा है. इस केस को अनुसंधान में खत्म कर देनी चाहिए. अपने अधिकार को लेकर आवाज बुलंद करने पर यह पाबंदी सी है.
आरोपों से छात्राओं को कर दें मुक्त : अरुण: अधिवक्ता अरुण कुमार भैया कहते हैं कि बाजला महाविद्यालय एक प्रतिष्ठित कॉलेज है. छात्राओं को केस में फंसाना सही कार्य नहीं है. अगर केस हुआ है तो तथ्य की भूल कह कर केस फाइनल कर छात्राओं को आरोपों से मुक्त कर देना चाहिए.
केस में फंसाना अन्याय : फणीभूषण : कोर्ट के अधिवक्ता फणीभूषण पांडेय बताते हैं कि पढ़ने वाली छात्राओं को क्रिमिनल केस में आरोपित बनाना अन्याय है. अपनी मांगों को लेकर छात्राएं आगे आयीं तो केस करा कर कुचलने का काम किया गया है. इसकी सही जांच होनी चाहिए.
वरीय पदाधिकारी करे पहल : कौशल: एडवोकेट कौशल कुमार कहते हैं कि बाजला कॉलेज की छात्राओं को मुकदमा में नाम डालना प्रतिभा के साथ खिलवाड़ है. इस केस को खत्म करने के लिए वरीय पदाधिकारियों को पहल करने की जरूरत है.