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होटवार में 50 हजार लीटर क्षमता की डेयरी का निर्माण होगा

रांची: होटवार में झारखंड डेयरी प्रोजेक्ट का काम एक माह के अंदर शुरू होगा. गत तीन वर्षो से यह काम लंबित है. अब नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) होटवार में 50 हजार लीटर क्षमता की डेयरी व पशुओं के मिनरल मिक्सर कारखाना का निर्माण करायेगा. प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार कर लिया गया है. बोर्ड के […]

रांची: होटवार में झारखंड डेयरी प्रोजेक्ट का काम एक माह के अंदर शुरू होगा. गत तीन वर्षो से यह काम लंबित है. अब नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) होटवार में 50 हजार लीटर क्षमता की डेयरी व पशुओं के मिनरल मिक्सर कारखाना का निर्माण करायेगा.

प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार कर लिया गया है. बोर्ड के अध्यक्ष व झारखंड के पूर्व विकास आयुक्त टी नंदकुमार ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व पशुपालन अधिकारियों के साथ बैठक के बाद प्रभात खबर को बताया कि डेढ़ माह के अंदर कोडरमा व देवघर क्लस्टर का गठन भी कर लिया जायेगा.

उपरोक्त कार्यो के लिए बोर्ड की टीम योजना पर पहले से काम कर रही है. क्लस्टर वाले जिले के साथ इसके आसपास के जिले जुड़े रहेंगे. जैसे अभी रांची के साथ लोहरदगा, रामगढ़ व खूंटी को जोड़ा गया है. क्लस्टर गठन का आधार बाजार व दुग्ध की उपलब्धता होगी. उधर बोर्ड ने फैसला लिया है कि पशुओं के लिए जरूरी मिनरल पशुपालकों को नो प्रॉफिट-नो लॉस की दर पर उपलब्ध कराया जायेगा. दरअसल शोध बताता है कि मिनरल से पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता व इसकी गुणवत्ता दोनों बढ़ती है.

श्री कुमार ने राज्य सरकार के अधिकारियों से यह कहा है कि झारखंड में हॉलेस्टियन फ्रिजियन व जर्सी जैसी नस्ल को बढ़ावा देने के बजाय गिर, साहिवाल व रेड सिंधी जैसी नस्ल की गायें बढ़ायी जाये. देसी नस्ल की गायें विदेशी नस्ल की गाय से कम दूध तो देती हैं, लेकिन इन्हें पालने की लागत विदेशी नस्ल से काफी कम है. वहीं देसी नस्ल में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है. श्री कुमार के अनुसार बोर्ड का लक्ष्य सिर्फ दूध खरीदना व बेचना नहीं है.

बोर्ड पशुपालन को सिर्फ दूध उत्पादन से जोड़ कर नहीं देखता, बल्कि इसके साथ व्यापक सामाजिक संदर्भ भी जुड़ा है. दुग्ध समितियों की सहायता से महिला समूहों का सशक्तीकरण व आय वृद्धि भी होगा. बोर्ड राज्य में चारा विकास के लिए विशेषज्ञों की राय लेगा. श्री कुमार ने बताया कि बोर्ड ने फैसला किया है कि दूध खरीद पर खर्च की जाने वाली राशि का 75 फीसदी किसानों तक वापस पहुंचाया जायेगा. उन्होंने बताया कि झारखंड में एनडीडीबी के कार्यो को अंजाम देने के लिए पांच युवा व कर्मठ अधिकारियों को लगाया गया है.

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