प्रेम जीवन का कोमलतम तत्व है. और जब इसे ही अपराध का हथियार बनाया जाये तो संबंध की रागात्मकता और पवित्रता कहां बचेगी? रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने जिस तरह एक महिला निशानेबाज तारा शाहदेव को अपना निशाना बनाया, मीडिया में लगातार आ रही खबरों में इस बारे में काफी कुछ आ चुका है. विवाह के बाद तारा को कथित रूप से धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित किया गया, जिसने उसे तोड़ कर रख दिया. तारा को बस निशानेबाजी के अपने कौशल से अब उम्मीद है.
वह 18, 19 व 20 सितंबर को रांची में होने जा रही शूटिंग प्रतियोगिता में किसी तरह शामिल होना चाहती है. यह क्षीण उम्मीद कितनी फलेगी, यह उसकी सेहत पर निर्भर है. लेकिन रंजीत का भविष्य बतायेगा कि तारा को अपने असली मकसद में कितनी कामयाबी मिलती है. क्योंकि मामले के तार अभियोजन तंत्र के कई हिस्सों तक पहुंचते हैं. पूरी तरह बिखर चुकी एक युवती के लिए भारतीय सामाजिक ताने-बाने में जोखिम मोल लेने लायक जमीन लगभग नहीं बचती. इस हाल में तारा ने जान जोखिम में डाल कर उसे सजा दिलाने का अभियान सा छेड़ रखा है. रंजीत के समाजी व सियासी नेटवर्क तथा रसूख को देखते हुए तारा के लिए उसके दुश्मन की गिरफ्तारी पल भर के लिए टूट चुकी उम्मीद की क्षीण किरण है.
जिस तरह रंजीत के संबंध सूत्र कद्दावर व रसूखदार लोगों तक फैले हैं, एक बार तो तारा को लगने लगा था कि पुलिस को दिये सारे सुराग बेकार चले जायेंगे. वह कहने लगी थी कि उसके द्वारा दिये जा रहे साक्ष्य नष्ट किये जा रहे हैं. लेकिन इन सबसे हट कर पुलिस अपना काम जारी रखे हुए थी. हालांकि इस गिरफ्तारी से बहुत ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है.
देखना है कि पुलिस आरोपों की दिशा में कहां तक अनुसंधान कर पाती है और अनुसंधान के क्रम में रंजीत के जाल की कौन सी परतें उघड़ती हैं. इन परतों को संज्ञान में लेते हुए पुलिस कहां तक जाती है, यह पुलिस की मंशा, मंसूबे और कार्यप्रणाली पर तो निर्भर करता ही है, सत्ता प्रतिष्ठान की जिम्मेवारी भी बढ़ जाती है. क्योंकि मुख्यमंत्री बार-बार कह चुके हैं कि तारा उनकी बहन की तरह है, वे उसे इंसाफ दिलायेंगे. निश्चय ही तारा की उम्मीद भरी आंख उन्हें देखेगी.