13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सोनिया के खिलाफ शिकायत पर छह महीने में फैसला हो:कोर्ट

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को निर्देश दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत पर छह महीने के भीतर फैसला करे. सोनिया गांधी के खिलाफ यह शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग के उस निर्देश का पालन नहीं करने के मुद्दे पर है जिसमें कहा गया था कि पार्टी […]

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को निर्देश दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ शिकायत पर छह महीने के भीतर फैसला करे. सोनिया गांधी के खिलाफ यह शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग के उस निर्देश का पालन नहीं करने के मुद्दे पर है जिसमें कहा गया था कि पार्टी सूचना के अधिकार कानून के तहत जवाबदेह है.

जाने-माने आरटीआई कार्यकर्ता आर के जैन ने सोनिया के खिलाफ अपनी शिकायत के साथ आयोग का दरवाजा खटखटाया था जिसमें कहा गया था कि पार्टी ने उनका 7 फरवरी 2014 का आरटीआई आवेदन बिना जवाब के लौटा दिया था. आयोग की पूर्ण पीठ ने कांग्रेस और पांच अन्य राष्ट्रीय दलों भाजपा, भाकपा, माकपा, राकांपा और बसपा को लोक प्राधिकार घोषित करते हुए उन्हें आरटीआई अधिनियम के तहत जवाबदेह बनाया था.

आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना प्रदान करने से इंकार करना या पूरी सूचना नहीं देने को अपराध माना गया है और उसके लिए उस दिन से प्रतिदिन 250 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है जिस दिन से सूचना देना जरुरी हो जाता है और जिस दिन लोक प्राधिकार के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना दी.
किसी भी राजनैतिक दल ने अब तक आयोग के इस फैसले के खिलाफ स्थगनादेश हासिल नहीं किया है जिसमें इन पार्टियों को लोक प्राधिकार घोषित किया गया है. इसका आशय है कि उन्हें आरटीआई कानून के तहत आरटीआई आवेदनों पर विचार की प्रक्रिया को अवश्य अपनाना चाहिए. लेकिन जब जैन ने कांग्रेस पार्टी के पास आरटीआई अधिनियम को लागू करने के लिए पार्टी की ओर से उठाए गए कदमों पर जानकारी मांगी तो पार्टी ने आवेदन लेने से इंकार कर दिया और लिफाफे को लौटा दिया.
सूचना के अधिकार से वंचित किए जाने पर जैन ने अपनी शिकायत के साथ आयोग का दरवाजा खटखटाया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने उन्हें फोन पर कहा है कि पार्टी ने लोक सूचना अधिकारी या प्रथम अपीलीय प्राधिकार की नियुक्ति नहीं की है. जैन ने आरोप लगाया, ह्यह्यप्रतिवादियों ने आरटीआई अधिनियम के तहत आदेश और सीआईसी के 3 जून 2013 के आदेश के बावजूद जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण तरीके से और लगातार सूचना प्रदान नहीं की.
जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया क्योंकि आयोग ने तत्कालीन मुख्य सूचना आयुक्त सुषमा सिंह के समक्ष बार-बार अर्जी दिए जाने के बावजूद उनकी शिकायत नहीं दर्ज की. न्यायमूर्ति विभू बखरु ने अपने आदेश में जैन की याचिका का निबटारा करते हुये कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर यथाशीघ्र और हो सके तो छह महीने के भीतर विचार करे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें