कोलकाता: सारधा चिटफंड घोटाले की जांच के सिलसिले में अब राज्य के कुछ तृणमूल कांग्रेस नेता, मंत्री व व्यापारी भी सीबीआइ के निशाने पर आ गये हैं. सीबीआइ इन्हें जल्द नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलायेगी.
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के लिए बुलाये जाने वाले लोगों की सूची में राज्य के एक मंत्री, एक पूर्व मंत्री, एक सांसद व दो व्यापारी शामिल हैं. मामले में साफ जवाब नहीं मिलने पर इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. पूछताछ के लिए इन्हें तलब करने की तैयारी कर ली गयी है. गौरतलब है कि सीबीआइ ने सारधा घोटाले में अब तक दो गिरफ्तारियां की है. इस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी देबब्रत सरकार और व्यवसायी संधीर अग्रवाल को सीबीआइ ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.
उधर, सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन को सीबीआइ हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद मंगलवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. अदालत ने सुदीप्त को आठ सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. मंगलवार को ही इस्ट बंगाल क्लब के अधिकारी देबब्रत सरकार, सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन की सहयोगी देबयानी मुखर्जी, अरविंद सिंह चौहान, मनोज नागेल और सोमनाथ दत्त को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया. देबब्रत को छोड़ कर बाकी आरोपियों को 8 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अदालत ने देबब्रत सरकार की सीबीआइ हिरासत की अवधि 29 अगस्त तक बढ़ा दी. तबीयत खराब होने की वजह से तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद कुणाल घोष को कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका.
उधर, सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, सारधा के एक अखबार के पत्रकार गौतम विश्वास से भी मंगलवार को पूछताछ हुई. उनसे बाहर कवरेज के लिए आने-जाने के खर्च के संबंध में भी पूछताछ की गयी . सीबीआइ के अधिकारी बताते हैं कि इस मामले में एक अन्य व्यापारी शांतनु घोष से भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जायेगा.
देबब्रत की हिरासत के लिए सीबीआइ ने दी थी अर्जी
सीबीआइ ने अलीपुर कोर्ट में अर्जी देकर देबब्रत सरकार की हिरासत मांगी थी. जांच एजेंसी के अधिवक्ता का कहना था कि आरोपी से पूछताछ में कुछ अहम जानकारियां मिली हैं. उससे और पूछताछ की जरूरत है. अदालत ने इस अर्जी को मंजूर कर सरकार को 29 अगस्त तक के लिए सीबीआइ हिरासत में भेज दिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ सारधा मामले की जांच कर रही है.