नयी दिल्ली: केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी जन-धन योजना का गुरुवार को औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय राजधानी में औपचारिक शुभारंभ करेंगे. इसका उद्देशय बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर तक पंहुचाना है.
इसके साथ ही कल राज्यों की राजधानियों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों तथा देश के प्रमुख केंद्रों और सभी जिला मुख्यालयों में इस योजना के शुभारंभ के लिए समारोहों का आयोजन किया जाएगा. इस योजना के आगाज के मौके पर देश भर में प्रमुख स्थलों पर तकरीबन 76 ऐसे समारोह आयोजित होंगे, जिनमें केंद्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे.
इस मेगा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सार्वजनिक बैंकों की विभिन्न शाखाएं उसी दिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से भी ज्यादा शिविरों का आयोजन करेंगी.
शुभारंभ के दिन ही तकरीबन एक करोड़ खाते खोले जाने का अनुमान है. प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस योजना की घोषणा की थी.
उन्होंने कुछ ही दिन पहले इस संबंध में सभी बैंक अधिकारियों को लगभग 7.25 लाख ई-मेल भेजे हैं. यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है.
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि पूर्व में लक्षित गांव के बजाय इस बार परिवार को केंद्र में रखा गया है. इसके अलावा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को इस योजना में कवर किया जा रहा है, जबकि पहले केवल ग्रामीण क्षेत्रों को ही लक्ष्य में रखा गया था.
यह मिशन दो चरणों में लागू होगा. पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा और दूसरा चरण 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक. पहले चरण में पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट बिजनेस कॉरसपोंडेंट के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पंहुच उपब्ध कराना है.
पहले चरण में सभी परिवारों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर, रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध करना. इस खाते के छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद आधार से जुडे खातों पर पांच हजार रुपए तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जाएगी.
इसी चरण में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरु किया जाएगा जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है. इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्षा लाभ हस्तांतरण का विस्तार भी शामिल है. पहले चरण के तहत किसान क्रेडिट कार्ड को रुपे किसान कार्ड के रुप में जारी करने का प्रस्ताव है. दूसरे चरण में लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराने के साथ बिजनेस कॉरसपोंडेंट के माध्यमस से स्वामलंबन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरु की जाएंगी.