पटना: आइजीआइएमएस बीओजी की बैठक में कई निर्णय लिये गये. प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में संस्थान के पांच चिकित्सकों की सेवा समाप्त होगी. फरवरी में स्वास्थ्य विभाग ने सूचना के आधार पर संस्थान में कार्यरत छह डॉक्टरों की क्लिनिक पर छापेमारी की थी.
छापेमारी डॉ कल्पना सिंह, डॉ मनीष, डॉ विभूति सिन्हा, डॉ निलेश मोहन, डॉ संजीव कुमार व डॉ प्रकाश कुमार दूबे की क्लिनिक में हुई थी. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ विभूति को छोड़ सभी की सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया गया. एसोसिएट प्रोफेसर रूपा श्री दास की वापसी मामले में तीन सदस्यीय कमेटी बनी है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही उनकी वापसी तय होगी. वहीं 2008-11 तक के 50 से अधिक चिकित्सकों को प्रोमोशन दिया गया व एडहॉक पर बहाल सभी डॉक्टरों को नियमित कर दिया गया.
इनकी सेवा होगी समाप्त
डॉ कल्पना सिंह त्नडॉ मनीष त्नडॉ निलेश मोहन त्नडॉ संजीव कुमार त्नडॉ प्रकाश कुमार दूबे
रूपा श्री दास की होगी वापसी
एसोसिएट प्रोफेसर रूपा श्री दास मामले में डॉ अमर कांत झा अमर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनी. डॉ अमर ने बताया कि बोर्ड ने माना है कि उन्हें प्रताड़ित किया गया है. पूर्व निदेशक के कार्यकाल में उनका डिमोशन किया गया था. इस कारण वह कोर्ट भी गयी थीं. बोर्ड ने माना है कि वह अर्हता संपन्न हैं. उन्हें दोबारा से पद मिलना चाहिए.
इन पर भी निर्णय
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